
ग्रेटर नोएडा. यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते ग्रेटर नोएडा से आगरा के बीच सफर करने वालों के लिए बड़ी खबर है। बताया जा रहा है कि जल्द ही यमुना एक्सप्रेसवे पर निर्धारित सीमा से अधिक रफ्तार से चलने पर भारी भरकम जुर्माना लगाने की योजना बनाई जा रही है। इस नई व्यवस्था के तहत यमुना एक्सप्रेसवे पर ग्रेटर नोएडा से आगरा के बीच दोनों तरफ टाइम बूथ बनाए जाएंगे। जैसे ही वाहन यमुना एक्सप्रेसवे पर एंट्री करेगा तो उसका टाइम नोट हो जाएगा और अगर गंतव्य तक तय समय से पूर्व पहुंचता है तो उस पर हाई स्पीड को लेकर कार्रवाई की जाएगी। इससे जहां स्पीड लिमिट के नियम की पालना होगी। वहीं, तेज रफ्तार के चलते होने वाले हादसों पर भी लगाम लगेगी।
उल्लेखनीय है कि आए दिन तेज रफ्तार के चलते होने वाले हादसों में यमुना एक्सप्रेसवे पर लोगों की जान जाती है। 2012 में शुरू हुए 166 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तय है। इसके बावजूद लोग स्पीड लिमिट के नियम तोड़ते हुए काल के गाल में समा रहे हैं। इन्हीं हादसों को रोकने के लिए अब यमुना प्राधिकरण ग्रेटर नाेएडा से आगरा के बीच दोनों तरफ जीरो प्वाइंट्स पर टाइम बूथ लगाने की योजना बना रहा है। इन बूथों के जरिये वाहनों की निगरानी की जाएगी और गति सीमा की पालना नहीं करने वाले वाहन चालकों को दंडित किया जाएगा। यमुना प्राधिकरण (YEIDA) के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा संबंधित व्यवस्था को बनाने पर कार्य किया जाए रहा है। विचार विमर्ष के बाद जो भी बेहतर व्यवस्था होगी उसे लागू करेंगे।
क्रैश बीम बैरियर लगाने की भी योजना
सीईओ ने यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों को रोकने के लिए की जा रही पहल के संबंध में भी बताया। उन्होंने कहा कि योजना के तहत एक्सप्रेसवे पर क्रैश बीम बैरियर भी लगाए जाएंगे, ताकि विपरीत दिशा से आ रहे वाहनों को गलत लेन में आने से रोका जा सके। बता दें कि वर्तमान में हल्के वाहनों की स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसके लिए एक्सप्रेसवे पर जगह-जगह संकेतक और स्पीड कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन फिर भी लोग नियम तोड़ रहे हैं। बता दें कि स्पीड लिमिट तोड़ने वाले वाहन चालकों को डिजिटल चालान भेजकर दंडित भी किया जाता है।
गर्मी और सर्दियों में होते हैं अधिक हादसे
यहां बता दें कि 2012 से लेकर अब हजारों लोग यमुना एक्सप्रेसवे पर सड़क दुर्घटनाओं में मारे जा चुके हैं। शानदार हाइवे के चलते लोग नियमों की अनदेखी कर तेज रफ्तार से चलते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। गर्मियों में जहां इस एक्सप्रेस वे पर टायर फटने की वजह से अधिक हादसे होते हैं तो सर्दियों में कोहरे और धुंध के चलते एक के बाद एक कई वाहन आपस में टकरा जाते हैं। इस वजह से हर साल सैकड़ों लोगाें की मौत होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं वाहन चालकों की लापरवाही के चलते ही होती हैं।
Published on:
09 Jul 2021 03:19 pm
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