यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण एयरपोर्ट मेडिकल डिवाइस पार्क की योजना के लिए कंसलटेंट के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) पहले ही जारी कर चुका है। कंपनियों को इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पूरी जिम्मेदारी दी जाएगी। प्राधिकरण केवल एजेंसी को भूमि उपलब्ध कराएगा। कंसलटेंट नियुक्त होने के बाद डिवाइस पार्क की विकास योजना, लेआउट प्लान बनाना, भूमि आवंटन, निविदा कराना और कंपनियों यहां तक लाने का कार्य भी कंसलटेंट का ही होगा।
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अब ट्रैफिक नियम तोड़कर पुलिस से बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन, लागू हुई नई व्यवस्था दो चरणों में बनकर तैयार होगा डिवाइस पार्क उन्होंने बताया कि डिवाइस पार्क को दो चरणों में बनाकर तैयार किया जाएगा। पहले चरण मेें 85 और दूसरे चरण में 115 प्लॉट निकाले जाएंगे। उधर, लखनऊ में हुई बैठक में यमुना प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोनिका रानी ने ऑद्योगिक और फार्मा के तहत मिलने वाली सब्सिडी पर प्रस्ताव रखा। जिस पर सरकार के अधिकारियों ने गंभीर से विचार विमर्श किया और जल्द ही इस पर अपनी राय देने की बात कही। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो उद्योग लगाने से पहले सरकार की ओर से भूमि, बिजली-पानी समेत अन्य सुविधाओं में छूट दी जाती है।
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यूपी बोर्ड की कॉपी में छात्र ने लिखा- बहुत हो गया, अब पुष्पा लिखेगा नहीं… यमुना सिटी का विकास म्युनिसिपल और इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड से यमुना प्राधिकरण ने मास्टरप्लान 2041 और यमुना सिटी को विकसित करने को लेकर म्युनिसिपल और इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए प्राधिकरण ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल निकाल दिया है इच्छुक कंपनी 6 जून तक आवेदन कर सकती हैं। प्राधिकरण कंपनियों को बॉन्ड देगा और उसके एवज में पैसा लेकर यमुना सिटी का विकास कराया जाएगा।