पनामा से आ रहे इस शिप ने पिछले साल नवंबर में दुबई जलक्षेत्र में प्रवेश किया था। उस समय जहाज में ईंधन नहीं था। तबसे यह जहाज वहीं खड़ा है। एक गल्फ समाचार एजेंसी ने कहा है कि जहाज के नाविकों के पास न तो भोजन है न ही उन्हें वेतन दिया जा रहा है। चालक दल के सदस्यों ने कहा कि उन्हें दुबई पहुंचने के बाद केवल एक माह का वेतन चुकाया गया है।उन्हें नौटिकल इंस्टीट्यूट ऑफ़ संयुक्त अरब अमीरात द्वारा दो बार भोजन की आपूर्ति की गई है । चालक दल के एक सदस्य ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा “हम अभी किसी तरह जीवित हैं। हमने सात आठ किलो वजन खो खो दिया है । हमारे पास ऊर्जा नहीं है। हमारे परिवार वाले पीड़ित हैं। स्थिति इतनी मुश्किल है कि हम आत्महत्या करने के कगार पर हैं।”
ये नाविक जहाज छोड़ नहीं सकते क्योंकि उनके पास संयुक्त अरब अमीरात का वीजा नहीं है। नाविकों ने कहा कि उन्होंने अपनी लंबित मजदूरी और स्वदेश प्रत्यावर्तन के लिए विभिन्न अधिकारियों से संपर्क किया था। उधर संयुक्त अरब अमीरात की संघीय परिवहन प्राधिकरण (एफटीए) ने जहाज के भारतीय मालिक को चेतावनी दी है कि अगर उनके पास नाविकों के मुद्दों को सुलझाने की योजना नहीं है तो कंपनी की गतिविधियों को गुरुवार तक प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। शारजाह में कंपनी के प्रतिनिधि कार्यालय के एक कर्मचारी ने कहा कि कंपनी को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। जहाज बेचने के बाद कंपनी लंबित वेतन का पूरा भुगतान करने में सक्षम होगी । कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि “हमने उन्हें एक महीने के वेतन के साथ घर जाने का विकल्प दिया था और वचन दिया था कि जहाज की बिक्री के बाद बाकी का भुगतान करेंगे। लेकिन वे ऐसा करने के लिए तैयार नहीं हैं।” दुबई में भारतीय दूतावास ने कहा कि चालक दल के सदस्यों और कंपनी के बीच कोई समाधान निकालने के लिए वह लगातार संपर्क में है।