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ईरान का आरोप, शीर्ष नेताओं पर प्रतिबंध लगाकर अमरीका ने बंद किए कूटनीतिक रास्ते

locationनई दिल्लीPublished: Jun 26, 2019 10:32:23 am

Submitted by:

Anil Kumar

US-Iran Tension: अमरीका ने ड्रोन अटैक के बाद ईरान पर लगाए नए प्रतिबंध
अमरीका ने बीते दिनों ईरान पर साइबर अटैक करने का दावा किया था

हसन रुहानी और डोनाल्ड ट्रंप

ईरान का आरोप, शीर्ष नेताओं पर प्रतिबंध लगाकर अमरीका ने कूटनीतिक बातचीत बंद किया

तेहरान। अमरीका और ईरान ( Iran ) के बीच बढ़ते तनाव के बीच तेहरान ने वाशिंगटन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ईरान ने कहा है कि उनके सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी ( Ayatollah Ali Khamenei ) सहित देश के शीर्ष नेताओं के खिलाफ अमरीकी प्रतिबंध लगाना कूटनीति की समाप्ति का संकेत देता है।

ईरान ने आगे कहा कि शीर्ष नेताओं पर प्रतिबंध दिखाता है कि वाशिंगटन सैन्य संघर्ष से दूर दोनों देशों को जोड़ने के लिए वार्ता आयोजित करने की अपनी इच्छा के बारे में झूठ बोल रहा है।

25 जून को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान पर कई कठोर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ईरान की ओर से यह बयान आया है।

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ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने खामेनी के खिलाफ अमरीकी कदम को मूर्खतापूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि वाइट हाउस (डोनाल्ड ट्रंप) मानसिक तौर पर अक्षम हो गया है, उन्हें नहीं पता है कि क्या करना है।

बता दें कि नए प्रतिबंधों से ईरान के नेता और उनके करीबी वित्तीय संसाधनों और समर्थन की पहुंच से वंचित हो जाएंगे। ट्रंप ने 24 जून को ओवल कार्यालय में दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करते हुए कहा था कि यह प्रतिंबध इस्लामी गणतंत्र के उत्तेजक कार्यों के लिए दंड था।

ईरान को अमरीका की चेतावनी

ईरान पर अमरीकी साइबर अटैक के बाद अमरीकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने एक बयान देते हुए कहा था कि ट्रंप का अपना फैसला वापस लेने को तेहरान अमरीका की कमजोरी न समझे। उन्होंने कहा था कि बातचीत के लिए अमरीका का दरवाजा हमेशा खुला है।

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बोल्टन ने चेतावनी दी थी कि यदि ईरान 2015 परमाणु समझौते से अधिक यूरेनियम का संवर्धन करता है तो बातचीत के टेबल पर सभी विकल्प खुले रहेंगे। बता दें कि बोल्टन की इस चेतावनी के बाद ईरान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमरीका ईरान के साथ संबंध सुधारने को लेकर झूठ बोल रहा है।

हसन रुहानी और डोनाल्ड ट्रंप

ईरान पर अमरीकी प्रतिबंध

ईरान द्वारा अमरीकी ड्रोन को मार गिराए जाने के बाद तेहरान पर सैन्य कार्रवाई करने के अपने फैसले को वापस लेते हुए ट्रंप ने ईरान पर कई और प्रतिबंध लगा दिए। इसमें ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ( Mohammad Javad Zarif ) पर भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं।

स्वीडन के पूर्व विदेश मंत्री कार्ल बिल्ड्ट ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि अमरीका द्वारा यह कूटनीति के किसी भी प्रयास को रोकने का एक स्पष्ट प्रयास है। उन्होंने आगे कहा- मुझे लगता है कि यह कूटनीति और विदेशी मामलों के वैश्विक इतिहास में अभूतपूर्व है।

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ईरान का आरोप

अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक बयान में कहा कि वह ईरान पर दबाव बढ़ाना तब तक जारी रखेंगे जब तक कि वह अपनी खतरनाक गतिविधियों और आकांक्षाओं को समाप्त नहीं करता है। इसमें परमाणु हथियारों के निर्माण, बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास और आतंकवाद का समर्थन शामिल है।

इसके जवाब में ईरान ने अमरीका पर आरोप लगाया और कहा कि वाइट हाउस तीसरे विश्वयुद्ध को बढ़ावा दे रहा है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत माजिद तख्त रावान्ची ने कहा कि ईरान प्रतिबंधों की धमकी के तहत अमरीका के साथ बातचीत नहीं करेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मुसावी ने ट्वीट किया कि खामेनी और जरीफ के खिलाफ अमरीकी प्रतिबंधों का अर्थ है कूटनीति के रास्ते को स्थायी रूप से बंद करना।

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