
यूनिवर्सिटी प्रोफेसर का विवादित बयान, महिलाओं और इस्लाम के बारे में की ऐसी बात
काहिरा। मिस्र के काहिरा में स्थित अल-अजहर विश्वविद्यालय से प्रोफेसर सऊद सालेह ने आपत्तिजनक बयान देकर सनसनी फैला दी है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों और उनके दुश्मनों के बीच युद्ध के समय खुदा गुलाम महिाओं के बलात्कार की अनुमति देता है। एक टेलीविजन साक्षात्कार में सालेह से दास प्रथा पर सवाल किया गया था। इसमें उन्होंने कहा कि एशियाई देशों द्वारा दासों की खरीद को हतोत्साहित किया गया है, जबकि अल्लाह ने गुलाम महिलााओं के साथ संबंध बनाने को जायज ठहराया है।
दास्ता इस्लाम में पहले मौजूद थी
विवादास्पद प्रोफेसर ने कथित तौर पर कहा कि दास्ता इस्लाम में पहले मौजूद थी। कोई भी स्वतंत्र पुरुषों और महिलाओं का व्यापार कर सकता था। इस्लाम ने दासता को "क्रम में" रखा। जब इसे अनुमति दी गई थी तब इसे विनियमित किया जा रहा था। सलीह ने कथित तौर पर कहा कि युद्ध की महिला कैदी वे हैं जिनके आप मालिक हैं। उन्हें अपमानित किया जा सकता है। वे सेना के कमांडर या एक मुस्लिम की संपत्ति बन जाती है, और वह उसके साथ उसी तरह से यौन संबंध बना सकते हैं जैसे वह अपनी पत्नियों के साथ बनाते हैं। डॉ एंड्रयू होल्ट, फ्लोरिडा स्टेट कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर है। सलेह की कथित टिप्पणी सुन्नी इस्लाम के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर की ओर से की।
यज़ीदी महिलाएं आईएस की दासी
उन्होंने कहा कि दास प्रथा हजार वर्षो से भी पुरानी है। आज यज़ीदी महिलाओं को आईएस की दासी के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा कि आईएस के अनुसार, यजीदियों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को यौन गुलामी के लिए मजबूर करने का अभ्यास एक तरीका है, जो कि यौन संबंध या व्यभिचार के पाप को रोकने के साथ-साथ एक संकेत है कि अंतिम लड़ाई जल्द ही होगी। प्रोफेसर के एक लेख 'द रिवाइवल ऑफ स्लेवरी ऑफ द आवर से पहले' बताता है कि बहुविवाह महिलाओं को गुलाम बना सकते हैं और उन्हें गुलाम बनाना चाहिए।
विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..
Published on:
19 May 2019 11:18 am
बड़ी खबरें
View Allखाड़ी देश
विदेश
ट्रेंडिंग
