करीब दो हफ्ते तक पत्रकार की मौत के बारे में इनकार करने के बाद आखिरकार सऊदी अरब ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि लापता पत्रकार जमाल खशोगी की मौत हो चुकी है। सऊदी अटॉर्नी जेनेरल ने अपने बयान में यह भी कहा कि शाही अदालत के सलाहकार अहमद असिरी और सऊदी अरब के उप खुफिया प्रमुख अल-कहटानी को सेवा से निकाल दिया गया है। इसके अलावा सऊदी अरब के राजा सलमान बिन अब्दुल अजीज ने सऊदी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान की अध्यक्षता वाली एक मंत्री समिति को पत्रकार की मौत की जांच के लिए खुफिया एजेंसी के पुनर्गठन का आदेश दिया है।बता दें कि अमरीकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के लिए काम करने वाले सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी 2 अक्टूबर को गायब हो गए थे।सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि उन्हें आखिरी बार इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में घुसते हुए देखा गया था। घटना के बाद से कई देशों और खासकर अमरीका द्वारा कई हाई प्रोफ़ाइल बैठकें आयोजित की गई। पत्रकार के गायब होने के बाद से ही सऊदी अरब पर इस मामले में संलिप्त होने के आरोप लगाए गए लेकिन उसने हर बार और जोरदार ढंग से इन आरोपों को खारिज कर दिया।
सऊदी अरब की स्वीकारोक्ति के पीछे माना जा रहा है कि अमरीका के बनाए दवाब का बहुत बड़ा हाथ है। हालांकि अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अभी इस मामले की जांच चल रही है। इस मामले में अमरीका ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। शुक्रवार को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा था कि लगता है खशोगी की मौत हो चुकी है। अमरीकी राष्ट्रपति ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से भी मुलाकात कर इस मामले में पूरी जानकारी मांगी थी। अमरीकी विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि सऊदी अरब को कुछ और वक्त दिया जाना चाहिए । कहा जा रहा है कि सऊदी अरब के ऊपर सबसे बड़ा दवाब ट्रंप के उस बयान के बाद बना, जब अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस मामले में अरब देश पर गंभीर कार्रवाई हो सकती है।