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breaking news: गुना से इंदौर जा रही बस ने पिकअप को मारी टक्कर, तीन की मौत

घायलों को पहुचाया अस्पताल....

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गुना

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Amit Mishra

Oct 29, 2018

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breaking news: गुना से इंदौर जा रही बस ने पिकअप को मारी टक्कर, तीन की मौत

गुना मोहर सिंह की रिपोर्ट...

गुना से इंदौर जा रही बस बीनागंज के पास पिकअप वाहन से टकरा गई। जिसमें सवार तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई। और 5 लोग घायल हुए हैं। मृतकों के नाम रामजीवन मीणा, पप्पू मीणा, दशरथ मीणा बताया जा रहे हैं। मृतक पास के गांव देवला और राधेपुरा के निवासी हैं। पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया और मृतकों को पीएम के लिए भिजवाया गया है। पुलिस एक्सीडेंट के कारणों की जांच में लगी है।

अल सुबह की घंटना....

लोगों ने बताया कि घंटना अल सुबह की है। टक्कर इतनी जोरदार थी कि तीन लोगो की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। लोगों का कहना है कि जैसे ही दोनों वाहनों में टक्कर हुई वैसे ही लोग बचाव के लिए दौड और आनन फानन में घायलों को अस्पताल पहुंचाया। लोगों का कहना है कि वाहनों की तेज रफ्तार के कारण ये हादसा हुआ। मामले की जांच पुलिस कर रही है।

घर में मचा कोहराम...

हादसे में जान गवाने वाले रामजीवन मीणा, पप्पू मीणा, दशरथ मीणा के परिजनों को पता चला तो घर में कोहराम मच गया। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है। मृतक के परिजनों का कहना है कि सुबह तक हम सब साथ में थे पर हमें क्या पता कि ये लोग आज हमारा साथ छोड़कर चले जाएगें।

आटो में क्षमता से अधिक बच्चे...
उधर गुना जिले में ट्रैफिक नियमों को आटों चालक तोडते हुए आसानी से देखे जा सकते है। ऑटो में ड्राइवर सीट पर सवारी न बैठाने का नियम है, लेकिन सड़कों पर दौड़ते आटो में चालक के दोनों ओर बच्चों को लटकाया जाता है। इस तरह के नजारे स्कूल शुरू होने और छूटने के समय आसानी से देखे जा सकते हैं।

पत्रिका ने जब शहर के विभिन्न चौराहों और मार्गों का जायजा लिया, तो कई यात्री वाहन सड़कों पर ओवरलोड दौड़ते नजर आए। इनमें कुछ वाहन तो ऐसे थे, जिनमें सवारियों को पीछे और आगे लटकाकर बैठाया गया था।

आटो चालकों की मनमानी का आलम यह कि सड़कों पर दौड़ते हुए अचानक रोककर सवारियां बैठाते हैं, जिससे पीछे आ रहे वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है।

इस तरह सड़कों पर ट्रैफिक नियमों को तोडऩा और सवारियों की जान जोखिम में डालकर यात्रा कराना आम हो चुका है। खास बात यह है कि आटो में बच्चे बिठाते समय उनकी सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाता है। बच्चे ऑटो से बाहर झांकते रहते हैं और ऑटो चालक को होश ही नहीं रहता है। इससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।