
MP News: शहर के लोगों के लिए खुशखबर है कि एक जून से 17 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट अपना काम शुरू कर देंगे। इस प्लांटों के जरिए सीवर के पानी का ट्रीटमेंट होगा। यह पानी नालों के जरिए साफ पानी के रूप में मकरावदा डैम पहुंचेगा। इस पानी से जहां एक ओर मकरावदा डैम के आसपास के खेतों को पर्याप्त पानी मिलने लगेगा। इसके साथ ही सीवर लाइन का आए दिन चोक होना भी बंद हो जाएगा, जिससे आए दिन होने वाली सीवर जैसी समस्या से भी निजात मिलेगी। धीमे चल रहे सीवर कनेक्शन के काम में अब गति आ सकती है। संभवत: दो तीन माह में सीवर का यह प्रोजेक्ट पूरा हो सकता है। इन सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए प्रतिदिन एक से डेढ़ करोड़ लीटर सीवर के पानी का ट्रीटमेंट होगा और साफ पानी बहा करेगा।
मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश पर सीवर लाइन प्रोजेक्ट 2017 में शुरू हुआ था। यह प्रोजेक्ट कोई न कोई कारण से लेट होता चला गया। सीवर लाइन प्रोजेक्ट वर्तमान समय में 90 फीसदी से अधिक हो चुका है। 81 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले सीवर प्रोजेक्ट के तहत 17 करोड़ रुपए से गुना शहर में दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनवाए गए।
सकतपुर में 14 एमएलडी का और गुना रेलवे स्टेशन रोड पर 7.6 एमएलडी क्षमता का है। इसमें विद्युत कनेक्शन में हुई देरी से एक अप्रेल को यह शुरू नहीं हो पाया। जबकि इन दोनों प्लांटों को चालू करने की नगर पालिका ने पूरी तैयारी कर ली थी। मार्च में विद्युत कनेक्शन हो गया। अभी मशीनरी की टेस्टिंग हो रही है।
जल प्रदाय प्रकोष्ठ के प्रभारी संचित डिमरी के अनुसार गुनिया, समेत कई नदी और नालों में बहकर आने वाला सीवर समेत अन्य का गंदा पानी इन सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तक आएगा, जहां एक ही बटन से सारे प्लांट चल जाएंगे और सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए साफ पानी हो जाएगा, इसके बाद यह पानी बहता हुआ नदियों व नालों के जरिए मकरावदा डैम पर पहुंचेगा और उसमें साफ पानी बहेगा। डैम से लोग खेती में पानी उपयोग कर सकेंगे। साफ पानी बहने से जहां एक ओर मकरावदा में मौजूद जलीय जन्तु-जीव को किसी भी तरह का खतरा नहीं होगा और मिट्टी की उर्वरकता भी कम नहीं होगी।
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के बनने और लाइन डलने से गोविन्द गार्डन, भगत सिंह कॉलोनी समेत अन्य जगह के लोग बताते हैं कि सीवर लाइन के डलने के बाद नालियां कम हो गईं। वहीं खाली पड़े प्लॉटों में भी काफी पानी भरा रहता था, वह काफी कम हुआ। इसके साथ ही मच्छरों का पनपना कम हुआ। बारिश के समय में नाले उफन कर घरों में उसका पानी घुस जाता था। ट्रीटमेन्ट प्लांट के काम होने से नालों का पानी घरों में नहीं घुस पाएगा।
सूत्र बताते हैं कि इस प्रोजेक्ट के तहत गुना में 26 हजार सीवर कनेक्शन होना थे। लेकिन अभी तक 19 हजार सीवर कनेक्शन हो चुके हैं। सीवर कनेक्शन होने की देरी के बारे में संबंधित अफसरों का कहना था कि गुना शहर के अधिकतर कॉलोनी व मोहल्लों में घरों के बाहर रैंप बन चुके हैं, इन रैम्प की वजह से सीवर लाइन नहीं डल पा रही है। जिससे अभी तक 19 हजार सीवर कनेक्शन हो चुके हैं। सात हजार कनेक्शन में हो रही देरी को लेकर नगर पालिका के अमले ने रणनीति बनाई है कि बचे हुए 7 हजार कनेक्शन अगले दो-तीन माह में पूरे कर दिए जाएं। इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट को अगले दो-तीन माह में पूरा कर दिया जाए।
सीवर ट्रीटमेन्ट प्लांट पर सीवर के पानी का ट्रीटमेन्ट जल्द शुरू कर देंगे। यह पानी साफ होगा और मकरावदा डैम में पहुंचकर यह पानी खेती आदि के काम आएगा। सीवर के बचे हुए कनेक्शन शीघ्र कराए जाएंगे। बाकी जो भी काम रह गया है, उनको जल्द पूरा कराया जाएगा।
-संचित डिमरी, प्रभारी जल प्रदाय प्रकोष्ठ गुना
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Published on:
17 May 2025 01:02 pm
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