सिंधिया ने हार के पीछे की वजह में कहा कि उनकी खुद की मेहनत में कमी थी इसलिए चुनाव हार गए। हालांकि सिंधिया को देखने से लग रहा था कि वह काफी थके हुए हैं। सिंधिया कमरे में पहुंचने के बाद ही खुद ही तकिया उठाया और मंच पर बैठ गए। सिंधिया के समाने ही कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताएं बैठी थीं।
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सिंधिया ने कहा कि वे हार की समीक्षा करने के लिए पहुंचे हैं और इसके बाद जल्द ही संगठन को दुरुस्त करेंगे। सिंधिया ने खुद को पार्टी का सिपाही बताया और कहा कि अंतिम सांस तक वह सच्चे सिपाही की तरह लड़ेंगे। सिंधिया ने इसके बाद बंद कमरे में पार्टी पदाधिकारियों के साथ भी बैठक की।
सिंधिया ने कहा कि वे हार की समीक्षा करने के लिए पहुंचे हैं और इसके बाद जल्द ही संगठन को दुरुस्त करेंगे। सिंधिया ने खुद को पार्टी का सिपाही बताया और कहा कि अंतिम सांस तक वह सच्चे सिपाही की तरह लड़ेंगे। सिंधिया ने इसके बाद बंद कमरे में पार्टी पदाधिकारियों के साथ भी बैठक की।
सिंधिया जब कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे थे तो कमलनाथ सरकार के तीन मंत्री बाहर बैठ पहरा देेते रहे। इसमें कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, महिला बाल विकास मंत्री इमरती और श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया बाहर थे। इन तीनों को सिंधिया का करीबी बताया जाता है।
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लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को मध्यप्रदेश में मिली करारी हार के बाद सिंधिया के करीबी मंत्रियों ने ही उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की थी। हालांकि पार्टी के अंदर से ही इसका कई लोगों ने विरोध भी किया था। ऐसे में अभी ये तय नहीं हो पाया है कि एमपी कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन बनेगा।
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को मध्यप्रदेश में मिली करारी हार के बाद सिंधिया के करीबी मंत्रियों ने ही उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की थी। हालांकि पार्टी के अंदर से ही इसका कई लोगों ने विरोध भी किया था। ऐसे में अभी ये तय नहीं हो पाया है कि एमपी कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन बनेगा।