24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Custodial Death Case: सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बाद ASI गिरफ्तार, 2024 का है मामला

MP News: गुना जिले के बहुचर्चित देवा पारधी पुलिस हिरासत मौत(Deva Pardhi Custodial Death Case Guna) मामले में फरार चल रहे निलंबित सब इंस्पेक्टर उत्तम सिंह को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया। यह हुआ सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी से।

2 min read
Google source verification

गुना

image

Avantika Pandey

Sep 28, 2025

Deva Pardhi Custodial Death Case Guna

Deva Pardhi Custodial Death Case Guna (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP News:गुना जिले के बहुचर्चित देवा पारधी पुलिस हिरासत मौत मामले में फरार चल रहे निलंबित सब इंस्पेक्टर उत्तम सिंह को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया। यह हुआ सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी से। कोर्ट ने दो फरार पुलिस अफसरों को गिरफ्तार न करने पर सीबीआइ और राज्य सरकार के अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी थी। कड़े लहजे में कहा था कि अगर 7 अक्टूबर तक आरोपी पुलिस वालों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो 8 को सीबीआइ के जांच अधिकारी और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को कोर्ट में पेश होना होगा।

मामले में लीपापोती की कोशिश

शुक्रवार सुबह खबर फैली कि आरोपी एसआइ उत्तम सिंह ने सीबीआइ के सामने समर्पण कर दिया है। हालांकि उसने कोर्ट में हाजिर होने की अर्जी दी थी। पेश होने के लिए पहुंचा तो सीबीआइ ने दबोच लिया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित(Custodial Death Case) पक्ष की तरफ से याचिका लगाई गई थी। देवा की मौत को लेकर पुलिस के कई अधिकारियों को जिम्मेदार माना गया था। म्याना थाना में देवा की मौत पुलिस हिरासत में हुई थी। स्थानीय स्तर पर मामले में लीपापोती की कोशिश की गई थी।

बारात वाले दिन ही उठा ले गई थी पुलिस

देवा पारधी(Deva Pardhi Custodial Death Case) की मौत का मामला 15 जुलाई 2024 का है। बीलाखेड़ी निवासी 25 वर्षीय देवा की उसी दिन बारात निकलने वाली थी। बारात से पहले ही म्याना पुलिस उसे और उसके चाचा गंगाराम को चोरी-डकैती के मामले में पूछताछ के बहाने थाने ले गई। आरोप है कि थाने में देवा की बेरहमी से पिटाई की गई। इसके चलते मौत हो गई। अगले दिन परिजन को जिला अस्पताल से मौत की सूचना मिली।

अपनों की गिरफ्तारी क्यों नहीं?

23 सितंबर को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने कहा, ऐसा नहीं चल सकता। सीबीआइ छापे मारकर किसी को सेकंडों में गिरफ्तार कर लेती है और अपनों को कोर्ट के आदेश के बावजूद गिरफ्तार नहीं किया गया।

दो अफसरों पर सीधे आरोप

तत्कालीन म्याना टीआइ संजीत माबई व एसआइ उत्तम सिंह पर आरोप लगे। निलंबित कर दो-दो लाख का इनाम घोषित किया। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और सीबीआइ को बार-बार फटकार लगाई। बताते हैं उत्तम की बेटी की शादी नवंबर में है। इसी कारण परिवार ने समर्पण करने को राजी किया। कोर्ट की सख्ती व पारिवारिक दबाव से आखिरकार आरोपी एसआइ को कोर्ट पहुंचने पर मजबूर कर दिया। दूसरा आरोपी फरार है। तीन आरोपियों (एएसआइ देवराज परिहार, इंस्पेक्टर जुबैर खान और एक अन्य) को भी कोर्ट के आदेश के बाद ही गिरफ्तार किया गया है।