
गुना। कृषि उपज मंडी में जहां चने और गेहूं की खरीदी हो रही है। वहीं दूसरी ओर तुलाई के नाम पर अधिक फसल तौलने और एसएमएस के नाम पर अवैध रूप से पैसा लेने आदि को लेकर किसान बेहद परेशान हैं। जनप्रतिनिधि मंडी में उन किसानों की सुध लेने पहुंच रहे हैं। लेकिन जिनको अपना वोट देकर अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए मंडी भेजा था, उन डायरेक्टरों और मंडी अध्यक्ष को अभी तक परेशान किसानों की सुध नहीं आई।
इससे कई किसान यह कहते भी सुने गए कि मंडी में तुलाई, और समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के नाम पर हो रही लूट में मंडी के पदाधिकारी भी शामिल है। ऐसे में किसान अपना अमूल्य मत इन प्रतिनिधियों को देने के बावजूद खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहा है। इससे कई किसान यह कहते भी सुने गए कि मंडी में तुलाई, और समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के नाम पर हो रही लूट में मंडी के पदाधिकारी भी शामिल है।
गौरतलब है कि मंडी के संचालन के लिए दस किसान प्रतिनिधियों सहित एक हम्माल-तुलावटी प्रतिनिधि तथा एक व्यापारी प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। किसान प्रतिनिधियों की सर्वाधिक संख्या होने के बावजूद मंडी में पहुंचने वाले किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्योंकि मंडी के संचालन के लिए किसानों ने अमूल्य वोट देकर जिन प्रतिनिधियों को चुना था। उन्होंने कुर्सी मिलते ही अपने-अपने क्षेत्रों के किसानों की तरफ देखना ही बंद कर दिया।
ऐसे लुट रहा है किसान
समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी केन्द्र पर बड़े-बड़े अनाज व्यापारी फर्जी किसानों के नाम पर गेहूं बेच रहे हैं, इसमें सिरसी स्थित समर्थन खरीदी केन्द्र सबसे आगे हैं। उधर मंडी में समर्थन मूल्य पर तुलाई के नाम पर जमीन पर तुलावटियों द्वारा चना फैलाया जाता है, जिसको उठाने तक नहीं दिया जाता है, जिससे किसानों को दो सौ से दो किलो तक चने का नुकसान हो रहा है। ऐसे ही गेहूं की खरीदी में गड़बड़ी हो रही है। एसएमएस के नाम पर किसानों से अवैध पैसा लिए जाने की शिकायत उच्च स्तर तक हो चुकी है, मगर अभी तक कोई भी अधिकारी एवं दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाई है। अव्यवस्थाओं की भरमार है।
हर माह लाखों रुपए होता है खर्च
जिला मुख्यालय पर स्थित नानाखेड़ी कृषि उपज मंडी हर साल लाखों रुपए टैक्स के रूप में अर्जित करती है। इसके अलावा शासन स्तर से भी मंडी के संचालन के लिए करोड़ों रुपए का बजट दिया जाता है। मंडी परिसर की सुरक्षा के लिए ४० गार्डों की स्वीकृति है। लेकिन यहां ४० की जगह महज १० गार्ड ही नजर आते हैं। जबकि हर माह ३० से ४० गार्डों के वेतन का आहरण किया जाता है। उधर पेयजल और सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, इसके साथ-साथ भोजन की व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। मंडी में 5 रुपए में किसानों को भोज नहीं मिल रहा है।
यह हैं मंडी में किसान प्रतिनिधि
वार्ड क्रमांक १- कु मनसिंह मीना फतेहगढ़
वार्ड क्रमांक २- गीता बाई धाकड़ बमोरी
वार्ड क्रमांक ३- चंद्रप्रकाश अहिरवार कालोनी
वार्ड क्रमांक ४- कैलाशसिंह धाकड़ झागर
वार्ड क्रमांक ५- भूरीबाई ऊमरी
वार्ड क्रमांक ६- मारकी महू
वार्ड क्रमांक ७- रिक्त म्याना
वार्ड क्रमांक ८- राजेंद्र आदिवासी मगराना
वार्ड क्रमांक ९- मीराबाई अध्यक्ष गुना
वार्ड क्रमांक १०- मदन अहिरवार बजरंगगढ़
हम्माल तुलावटी प्रतिनिधि- हरवीरङ्क्षसह यादव
व्यापारी प्रतिनिधि- मुकेश जैन पाटई
सांसद प्रतिनिधि- वीरेंद्र अग्रवाल
यह सभी विभिन्न क्षेत्रों में किसानों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन वर्तमान में किसानों की समस्याओं को लेकर इन्होंने अब तक कोई प्रयास नहीं किए हैं।
दो दिन की छुट्टी से निराश लौटे किसान
पिछले करीब एक सप्ताह से किसान परेशान हालत में मंडी में तौल होने की आस को लेकर बैठा हुआ था। शनिवार और रविवार की छुट्टी पडऩे के कारण शुक्रवार देर रात तक तौल नहीं होने पर किसान निराश होकर अपनी ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर वापस लौटे। किसानों के मुताबिक समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर भीड़ के चलते मंडी में जगह ही नहीं थी। ऐसे में कई किसानों को दशहरा मैदान में रुकवाया गया। देर शाम तक किसान अपनी उपज की तौल होने की आस में बैठे रहे। लेकिन आखिरकार जब तौल नहीं हुई, तो उन्हें निराश मन से वापस लौटना पड़ा।
किसान लिखित में शिकायत करें
किसानों को हमने झाडू उपलब्ध कराए हैं, ताकि वह फैली हुई उपज को बटोर सकें। हमारी भोजन व्यवस्था लगातार चल रही है। जबकि पानी के लिए एक बोर फेल हो चुका है। उसके लिए भी हम प्रयास कर रहे हैं। काफी महंगा आरओ सिस्टम भी लगाया गया है। किसान पैसे मांगने की शिकायत तो कर रहे हैं, लेकिन कोई भी सामने नहीं आ रहा है। यदि किसान लिखित में शिकायत दें, तो हम कार्रवाई जरूर करेंगे।
-मीराबाई, अध्यक्ष कृषि उपज मंडी समिति, गुना
Published on:
13 May 2018 10:49 am
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