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प्रसूताओं की सोनोग्राफी की कम नहीं हुईं मुश्किलें

महीनेभर से जिला अस्पताल की व्यवस्था जस की तस बनीं

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रायसेन। जिला अस्पताल की सोनोग्राफी यूनिट की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं नजर आ रहा है। इसीलिए सोनोग्राफी कराने के लिए जिलेभर के अस्पतालों से रैफर होकर अर्जेंट सोनेग्राफी कराने वाली प्रसूता महिलाओं को दो से तीन दिन भटकने के बाद भी बैरंग लौटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। लापरवाही का अलम यह है कि जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा जिन दो डॉक्टरों को सोनोग्राफी कराने की जिम्मेदारी सौंपी है वह भी अपनी ड्यूटी से गायब रहते हैं। शनिवार को दोपहर जब पत्रिका टीम ने सोनोग्राफी यूनिट का जायजा लिया तो यहां सिर्फ एक प्रशिक्षु नर्स बैठी नजर आई।

डॉक्टर के बारे में पूछा तोवह भी गेट बंदकर चली गई। मालूम हो कि एक महीने पहले रेडियोलॉजिस्ट डॉ.सुरेंद्र सिंह कुशवाहा द्वारा वीआरएस लेने के बाद से ही स्थायी तौर पर इस महत्वपूर्ण यूनिट पर ताले लटक गए हैं। शहर सहित जिलेभर से आने वाली प्रसूता महिलाओं के यहां नि:शुल्क सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में इन परेशान प्रसूताओं को समय व धन दोनों की बर्बादी के बाद भी सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है।

इन्हें सौंपी जबावदारी पर रहते हैं गायब
जिला अस्पताल के मेडीकल ऑफीसर व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.दीपक गुप्ता और लेडी डॉक्टर जिंसी ठाकुर को कम से कम प्रसूताओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इसीलिए इन दो डॉक्टरों को सोनोग्राफी कराने की कमान सौंपी गई है। लेकिन इनकी मनमानी का आलम यह है कि सुबह शाम सोनोग्राफी यूनिट में इन डॉक्टरों सहित जिम्मेदार स्वास्थ्य अमला अक्सर नदारद रहता है।

बताया जाता है कि यह परेशान प्रसूताओं समेत मरीजों की कम बल्कि खुद की प्रायवेट प्रैक्टिस के महिला मरीजों की जरूर यहां आकर सोनोग्राफी कर ली जाती है। बाकी महिलाएं अपनी बारी के लिए मुंह ताकती नजर आती हैं। अस्पताल प्रबंधन भी प्रसूता महिलाओं की इस परेशानी को गंभीरता पूर्वक नहीं ले रहा है। इसीलिए इस यूनिट में महीने भर से स्थायी तौर पर ताले लटके हुए हैं। पहले यहां सुबह शाम के समय ७० से ८० मरीजों सहित प्रसूता महिलाओं की सोनोग्राफी समय पर हो जाती थीं। लेकिन अब एक से दो मरीजों महिलाओं की सोनोग्राफी बमुश्किल हो पा रही है। ऐसी स्थिति में जरूरतमंद मरीज बाजार से १२०० रूपए जेब सेखर्च कर महंगी फीस चुकाना पड़ रही है।

साहब: तीन दिनों से भटक रहे
अस्पताल के गलिहारे में पिछले दो से तीन दिनों से सोनोग्राफी कराने के लिए भटक रहे पति पत्नी सोनोग्राफी नहीं होने से शनिवार को सुबह से ही परेशान नजर आए। लेकिन इसके बावजूद शनिवार को तीसरे दिन भी सोनोग्राफी नहीं हो सकी। जबकि वह दूर-दराज की तहसीलों, कस्बों से यहां अर्जेंट सोनोग्राफी कराने के लिए आने के बाद भी उनकी समय पर सोनोग्राफी नहीं हो सकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मेघा बाई और सुनीता बाई सहित मरीज खिलान सिंह, अमोध कुमार आदि परेशान मिले।

सुबह से दोपहर बाद घंटों परेशान होने के बावजूद उनकी सोनोग्राफी नहीं हो सकी। मेघाबाई ने बताया कि उनकी पहली डिलेवरी होना है।इसीलिए महिला चिकित्सक की सलाह पर अर्जेंट सोनोग्राफी नहीं हो सकी। बगवाड़ा सुल्तानपुर से आए बैजनाथ सिंह चौहान अपनी पत्नी सुनीता चौहान को लेकर पिछले तीन दिनों से यहां भटक रहे हैं। लेकिन आश्वासन पर आश्वासन मिलने के बाद भी उनकी पत्नी सुनीता बाई चौहान की सोनोग्राफी नहीं हो सकी। इसी तरह पंाजरा उदयपुरा से आए प्रताप सिंह अपनी पत् नी मेघा बाई को लेकर सोनोग्राफी नहींहोने से परेशान नजर आया ।

हमने सोनोग्राफी की जबावदारी मेडिकल ऑफीसर दीपक कुमार गुप्ता और स्त्री रोग विशेषज्ञ जिंसी ठाकुर को सौंपी है। कभी जरूरी काम आ जाने पर उनको कभी जाना भी पड़ता है। हम जल्द ही यह जबावदारी एक चिकित्सक को ही सौंपेंगे।ताकि सोनोग्राफी कराने वालों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

डॉ.बीबी गुप्ता सिविज सर्जन रायसेन।