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नारद मुनि के नाम पर खुलेगा ‘पत्रकारिता संस्थान’, कुलगुरु ने बॉलीवुड पर लगाया बड़ा आरोप

Journalism institute: मध्य प्रदेश की तात्याटोपे विश्वविद्यालय में जल्द ही देवर्षि नारद के नाम पर पत्रकारिता संस्थान खुलेगा। कुलगुरु डॉ. किशन यादव ने नारद जयंती पर कार्यक्रम में की घोषणा।

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गुना

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Akash Dewani

May 17, 2025

Journalism institute to be opened in the name of Devarshi Narad Muni in Tatya Tope University of Guna mp

Journalism institute: गुना स्थित तात्याटोपे विश्व विद्यालय के कुलगुरु डा. किशन यादव ने घोषणा की कि जल्द ही तात्याटोपे विश्वविद्यालय में देवर्षि नारद के नाम से पत्रकारिता संस्थान खुलेगा। वे देवर्षि नारद जी जयंती पर नाथूलाल मंत्री जनकल्याण न्यास के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में मुय अतिथि के रूप में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा कि पत्रकारों को समाज कल्याण के मुद्दों को भी प्राथमिकता में रखना चाहिए।

शिक्षा को बढ़ावा देने पर काम करे पत्रकार- कुलगुरु

नशा और शिक्षा को लेकर जनजागृति लाने का काम पत्रकारों को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं अगर उसकी निगरानी होगी तो शासन, प्रशासन निष्पक्ष रूप से काम करता रहेगा। इससे पूर्व अखिल भारतीय साहित्य परिषद के मध्य भारत प्रांत महामंत्री आशुतोष शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि देवऋषि नारद के जीवन चरित्र को समझने की जरूरत है। उन्हें कलह प्रिय और विदूषक के रूप में स्थापित करने में बॉलीवुड की बड़ी भूमिका है, जिसने नारद के चरित्र सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया है। यही नहीं गूगल पर आज भी देव ऋषि नारद को युद्ध कराने वाले और विदुषक के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।

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बॉलीवुड ने खराब की देवर्षि नारद की छवि

इस दौरान उन्होंने कहा कि वास्तव में देव ऋषि नारद मंत्र दृष्टा और सूक्ष्म दृष्टा थे, जो हमेशा नारायण नारायण का उच्चारण करते रहते थे और इसी के बल यह किसी भी लोक में पहुंच जाते थे। उनकी छवि को भारत में नुकसान पहुंचाने में बॉलीवुड की बड़ी भूमिका है। जिसने वर्ष 1970-80 के दशक में आई फिल्मों के माध्यम से देवऋषि नारद को कलह प्रिय और युद्ध करने वाले के रूप स्थापित करने का प्रयास किया। जबकि वास्तव में देवऋषि नारद ने ही ऋषि वाल्मीकि को राम चरित मानस लिखने की प्रेरणा दी, यही नहीं उन्होंने ही महर्षि वेद व्यास को महाभारत युद्ध पर लिखने की प्रेरणा दी। ताकि भारतीय संस्कृति और श्री राम एवं श्री कृष्ण के जीवन चरित्र से दुनिया सीख सके।

संगोष्ठी की अध्यक्षता न्यास के अध्यक्ष अशोक सिंह कुशवाह ने की। इसके पूर्व संगोष्ठी का व शुभारंभ अतिथियों द्वारा देवऋषि नारद के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानेश पाठक ने किया और अंत में आभार आरएसएस के जिला प्रचार प्रमुख सौरभ पाराशर ने माना।