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गुना के बड़े अफसर की हिमाकत से तमतमा उठे ज्योतिरादित्य सिंधिया, फंस गए अधिकारी

Jyotiraditya Scindia got angry with the audacity of the senior officer of Guna मध्यप्रदेश के गुना के एक अफसर ने बड़ी हिमाकत की।

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गुना

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deepak deewan

Dec 31, 2024

Jyotiraditya Scindia got angry with the audacity of the senior officer of Guna

Jyotiraditya Scindia got angry with the audacity of the senior officer of Guna

मध्यप्रदेश के गुना के एक अफसर ने बड़ी हिमाकत की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक प्रश्न का गोलमोल जवाब दिया। अधिकारी के रवैए पर सिंधिया ने नाराजगी जताई। अब इस अधिकारी पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। गुना के सीएमएचओ डा. राजकुमार ऋषिश्वर को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को गलत जानकारी देना भारी पड़ रहा है। यहां तक कि उनके पूरे कार्यकाल की ही जांच की मांग उठने लगी है।

गुना में कोरोना काल में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्वास्थ्य विभाग को सांसद निधि से एबुलेंस दी थी। उस एबुलेंस के बारे में दिशा की बैठक में सिंधिया ने सीएमएचओ डा. राजकुमार ऋषिश्वर से पूछा लेकिन वे गोलमोल जवाब देते रहे। इसपर केंद्रीय मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर को एबुलेंस के बारे में पता लगाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

सीएमएचओ का यह रवैया सिंधिया समर्थकों को खल गया। ऐसे में मुद्दा गरमा गया है। पूर्व विधायक और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजेन्द्र सलूजा ने डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उनके कार्यकाल में हुए निर्माण, दवाई खरीदी संबंधी मामले और एक औद्योगिक संस्था से मिले 50 लाख रुपए की राशि की उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए
उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखा है।

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सलूजा ने कहा कि गोलमोल जवाब देने में माहिर सीएमएचओ को गुना के एक बड़े औद्योगिक संस्थान से पचास लाख रुपए की राशि कोरोना काल में मरीजों को सुविधा उपलब्ध दिलाने के लिए दिलाई गई थी, उस राशि का सीएमएचओ गुना ने कहां उपयोग किया, जिसकी जानकारी आज दिनांक तक पता नहीं हैं।

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कुछ समय पूर्व सीएमएचओ डा. ऋषिश्वर ने तत्कालीन कलेक्टर से उक्त राशि से एसी खरीदने के लिए फाइल आगे बढ़ाई थी लेकिन तत्कालीन कलेक्टर तरुण राठी ने एसी खरीदने के लिए मना कर दिया था। संस्थान ने दी गई राशि के खर्च का हिसाब कई बार सीएमएचओ से मांगा लेकिन उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी।

पत्र में सलूजा ने केंद्रीय मंत्री द्वारा दी गई एबुलेंस को मारकी महू स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर किसके आदेश से अटैच की गई थी, इसकी भी जांच की मांग की है।