
kedarnath temple locked protest (फोटो सोर्स-Patrika.com)
kedarnath temple locked: केदारनाथ में दो साल पूर्व एक चट्टान धसक गई थी, उस समय से भगवान भोलेनाथ के मंदिर को बंद कर रखा है। जब से भगवान भोलेनाथ ताले में कैद हैं। तीन दिन पूर्व हुई हेमंत प्रजापति की कालिया कुंड में डूबने के बाद वन विभाग ने ताले पर वेल्डिंग कर दी है। सावन के मास में वहां मेला लगता है, इस मेले में केदारनाथ में भीड़ भी होती है।
सावन नजदीक आते देख गुना जिले के आसपास गांवों की जनता में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस नाराजगी के चलते मंदिर के गेट खोलने और भगवान भोलेनाथ को मुक्त कराने के लिए गांव-गांव बैठकें हो रही हैं। शुकवार को एक बड़े आंदोलन की तैयारी है। बता दें कि, यह मध्य प्रदेश के गुना जिले के बमोरी गांव में स्थित केदारनाथ धाम का शिव मंदिर है। (mp news)
केदारनाथ धाम पर हर बार सावन मास पर मेला लगता है। इस मेले में हजारों लोग शामिल होने पहुंचते हैं और केदारनाथ में स्थित भगवान भोलेनाथ के मंदिर में दर्शन भी करते हैं। दो साल से यहां व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। इस मंदिर के पास एक चट्टान धसकने से खतरा पैदा हो गया था। इसको देखते हुए वन विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन की एक संयुक्त बैठक हुई थी, उसमें सर्वसमति से निर्णय लिया गया था कि यहां बने केदारनाथ धाम के मंदिर को दर्शन के लिए बंद कर दिया जाए। इसके साथ ही यह तय हुआ था कि वन विभाग का एक अमला भी यहां तैनात रहेगा। (mp news)
केदारनाथ में भगवान भोलेनाथ को कैद ताले से मुक्ति दिलाने के लिए गांव-गाव बैठकें हो रही है, इन बैठकों में एक ही अपील की जा रही है कि शुकवार सुबह दस बजे सभी लोग गुना के शास्त्री पार्क पर एकत्रित हौं, यहां से एक विशाल रैली संत समाजों के साथ कलेक्टोरेट पहुंचेगी, जहां कलेक्टर को एक ज्ञापन दिया जाएगा, जिसमें यह मांग की जाएगी कि दो साल से ताले में कैद हमारे भगवान भोलेनाथ को मुक्ति दिलाएं। गांव-गांव बैठकों का आयोजन धर्म जागरण विभाग और धर्म रक्षा समितियां कर रही हैं। (mp news)
बताया गया कि केदारनाथ और वहां बने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए वन विभाग एक अलग-अलग टीम अलग-अलग समय अपनी ड्यूटी देती हैं। लेकिन इसकी पोल उस समय खुली जब तीन दिन पहले राघौगढ़ के मेर मोहल्ले में रहने वाले हेमंत प्रजापति की कालियासोत डैम में डूबने से मौत हो गई थी। आसपास सुरक्षा व्यवस्था के लिए यहां कोई वन विभाग का कर्मी नहीं मिला था। हेमंत और उसके दोस्त मंदिर की सुरक्षा के लिए बनी बाउंड्रीवाल कूदकर बाबड़ी तक पहुंचे थे। इसमें वन विभाग के ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ की लापरवाही सामने आई थी।(mp news)
Published on:
11 Jul 2025 01:40 pm
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