
अस्पतालों का है ऐसा हाल, सर्वे में दिखाया इसके उलट
गुना/झागर. स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए नीति आयोग में स्वास्थ्य विभाग को शामिल किया है। दिल्ली की एक टीम ग्रामीण क्षेत्र का भ्रमण कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर सुविधाएं देख रही है, लेकिन सुविधाओं का सर्वे खानापूर्ति के लिए किया जा रहा है।
शनिवार को नीति आयोग की सर्वे टीम झागर अस्पताल पहुंची और सुविधाएं देखे बिना ही तारीफ करके चले गए। टीम में थर्ड पार्टी की ओर से शामिल हुए सोनू यादव ने लिखा कि इस स्वास्थ्य केंद्र पर सभी सुविधाएं मिल रही हैं, जबकि हकीकत यह है कि अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं भी गायब हैं। महिलाओं के लिए टायलेट तक नहीं बन सकी। जमीन पर ऑक्सीजन का सिलेंडर पड़ा और उसका मास्क धूल खाता दिखा। पानी के एिल वाटर कूलर भी चालू नहीं है। बिजली के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। इस वजह से मरीजों और उनके अटेंडरों को दिक्कत हो रही है।
उधर, झागर असस्पताल में अब तक टायलेट का निर्माण नहीं हो सका है। यहां हजारों रुपए खर्च कर टायलेट का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन वह लंबे समय से अधूरा पड़ा है। इसके अलावा अस्प्ताल में जननी सुरक्षा वाहन की भी कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ऐसा था अस्पताल का नजारा
- ग्राम पंचायत झागर उप स्वास्थ्य कंद्र में आक्सीजन सिलेंडर जमीन पर पड़ा था और मास्क धूल खा रहा है।
- महिलाओं को मनोरंजन के लिए टीवी लगाई है, लेकिन उसका रिसीवर नहीं है। उसे दुकान से नहीं लाया गया।
- वाटर कूलर चालू नहीं है, पीने के पानी की दिककत होती है।
- अस्पताल में प्रसूताओं के लिए जननी एक्सप्रेस नहीं है। उनको काफी दिक्कत होती है। जटिल केस में गुना आना मुश्किल है।
- इस केंद्र पर सबसे ज्यादा डिलेवरी होने के बाद भी यहां महिला डाक्टर नहीं है।
Published on:
24 Jun 2018 01:03 pm
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