
नवोदय विद्यालय में पढ़ने इस बार 4494 बच्चों ने भरा फार्म, पिछले वर्ष संख्या 5 हजार थी
बता दें कि नवोदय विद्यालय में पढ़ने के लिए फार्म भरने वाले बच्चों की संख्या से लेकर परीक्षा देने वाले बच्चों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। आखिर इसकी क्या वजह है यह जानने के लिए पत्रिका ने अलग-अलग स्तर पर पड़ताल की। जिसमें सामने आया है इसके लिए सबसे पहले और सबसे ज्यादा जिम्मेदार शिक्षक हैंं। खासकर सरकारी स्कूल के। जिन पर जिम्मेदारी है कि वे हर साल अपने यहां प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले कुल बच्चों में से अधिक से अधिक बच्चों के फार्म भराएं। यदि कोई बच्चा या उनके अभिभावक किसी कारणवश फार्म भरने में हिचक रहे हैं तो उन्हें सही जानकारी देकर प्रेरित किया जाए। लेकिन सरकारी स्कूल के शिक्षक ऐसा नहीं कर रहे हैं।
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नियम : ग्रामीण क्षेत्र के 70 प्रतिशत बच्चे होना चाहिए
नवोदय विद्यालय प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक शासन की जो गाइड लाइन है उसके मुताबिक नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों मेें 70 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों से आना चाहिए। इनमें ज्यादा प्रतिशत सरकारी स्कूलों का होना जरूरी है। इसके पीछे वजह है कि शहरी और प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के ज्यादातर अभिभावक आर्थिक रूप से सक्षम होते हैं। इसलिए शासन की इस महत्ती व्यवस्था का लाभ वास्तविक जरूरतमंद विद्यार्थियों को ही मिलना चाहिए।
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29 अप्रेल को होगी परीक्षा
जानकारी के मुताबिक नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए परीक्षा 29 अप्रेल को आयोजित होगी। जिसके लिए एडमिट कार्ड जारी हो गए हैं। परीक्षा का समय सुबह 11:30 से दोपहर 1.30 बजे निर्धारित है। विद्यार्थियों की सुविधा और परेशानी को देखते हुए परीक्षा केंद्र जिले के प्रत्येक विकासखंड स्तर पर बनाए गए हैं। परीक्षा देने के लिए इस बार कुल 4494 बच्चों के फार्म भरे गए हैं।
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पिछले साल 5 हजार ने फार्म भरे लेकिन परीक्षा सिर्फ 3 हजार ने दी
गुना जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय जिला मुख्यालय के नजदीकी ग्राम बजरंगगढ़ के पास स्थित है। जिसमें कुल 80 सीटें निर्धारित हैं। यहां एडमिशन के लिए पिछले साल कुल 5 हजार बच्चों ने फार्म भरे थे। लेकिन परीक्षा देने मात्र 3 हजार बच्चे ही आए। इतना बड़ा अंतर क्यों आया यह जानना शासन-प्रशासन के लिए बेहद जरूरी है। पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि जिस समय यह परीक्षा होती है उस दौरान बहुत तेज गर्मी पड़ती है। इस दौरान कई बच्चे गर्मी की छुट्टियां मनाने तथा माता-पिता के साथ शादियों में चले जाते हैं।
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प्रवेश प्रक्रिया में यह हुआ बदलाव
नवोदय विद्यालय प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार इस सत्र में केंद्रीय बोर्ड ने प्रवेश प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए हैं। जिनमें एक है उम्र की सीमा। पहले कक्षा 6 में एडमिशन लेने वाले बच्चे की उम्र 9 से 13 वर्ष थी जो अब 10 से 12 कर दी है। दूसरा परिवर्तन आधार कार्ड की अनिवार्यता है। जिसके तहत जिस जिले के स्कूल से बच्चे ने कक्षा 5 वीं पास की है, उसी जिले के नवोदय स्कूल में ही बच्चे को प्रवेश दिया जाएगा। सूत्र बताते हंै कि पहले कई बच्चे दूसरे जिले के भी एडमिशन ले लेते थे। कुल मिलाकर प्रवेश प्रक्रिया को पहले से ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष बना दिया है। ताकि शासन की मंशानुरूप ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे को इस व्यवस्था का लाभ मिल सके।
Published on:
23 Apr 2023 10:07 pm
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