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बारिश ने बिगाड़ा मौसम का​ मिजाज, किसानों के माथे पर आईं चिंता की लकीरें-video

जानकारों का कहना है कि आगामी कुछ और दिनों तक यह स्थिति बनी रह सकती है...

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गुना

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Deepesh Tiwari

Feb 11, 2018

rain in guna

गुना। प्रदेश में अचानक बदले मौसम का असर गुना में भी देखने को मिला, जहां भले ही चंद मिनटों के बाद बारिश रूक गई, लेकिन इससे फसलों को काफी नुकसान माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मौसम के जानकारों का कहना है कि यह मौसम आगामी कुछ और दिनों तक भी बना रह सकता है। जिसके चलते कई जगहों पर पुन: ओले गिरने का अंदेशा है।

गुना जिले में कई जगह बारिश हुई वहीं कई जगह ओले भी गिरे। कुभंराज क्षेत्र के कई गांव में कटी फसलों पर गीरे चने के समान ओले चाचौड़ा में भी चनों के समान के ओला गिरे, जबकि राघोगढ़ में भी ओले गिरने की खबर है। वहीं धरनावदा गांव में हुई तेज बारिश के अलावा गुना,आरोन व म्याना में हल्की बूंदाबांदी ही हुई।

ऐसे समझे मौसम का हाल...
दरअसल रविवार को सुबह से ही प्रदेश के अधिकांश जिलों के आसमान में बादलों ने अपना डेरा डाल रखा था। जिसके चलते सुबह से ही बारिश का अंदेशा बना हुआ था। लेकिन दोपहर होते होते प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि ने किसानों को चिंता में डाल दिया। इस दौरान भोपाल, विदिशा,सीहोर, रायसेन, अशोकनगर, राजगढ़ सहित प्रदेश के कई जिलों में बारिश या ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई।

इसी दौरान गुना में भी कुछ देर बारिश हुई जिसके कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई। वहीं अशोकनगर के मुंगावली तहसील के ग्राम इकोदिया ,प्यासी,बरखेड़ा आदि ग्रामो में भी ओलों के साथ तेज बारिश हुई, जो रुक रुककर होती रही। वहीं रायसेन में भी बारिश और ओले के रूप में एक बार फिर किसानो पर आफत बरसी।

लगभग एक सप्ताह से हर दिन आसमान में छा रहे बादल रविवार को आंधी के साथ तेज बारिश ओर ओले के रूप में बरसे। जिले के कई हिस्सों में चने से लेकर नींबू के आकार के ओले बरसे। जिससे खेतों में खड़ी फसलें आढ़ी हो गई, तो कई जगह कटी फसलें भीग गईं। बारिश से दलहनी फसलों को अधिक नुकसान होना बताया जा रहा है। गेहूं की फसलें आड़ी होने से भी नुकसान बताया जा रहा है। रविवार को दोपहर में बूंदाबांदी से शुरू हुई बारिश कुछ देर बाद ओलावृष्टि में बदल गई। एक साथ पूरे जिले को चपेट में लेते हुए, लगभग दो घंटे तक कभी तेज तो कभी धीमी बारिश होती रही।

इसके अलावा कुछ जगह तो तेज हवा से कई मकानों के छप्पर उड़ गए जिससे उनकी गृहस्थी का सामान बर्बाद हो गया। कुछ जगहों पर बारिश और ओला वृष्टि से हुई तबाही की सूचना लोगों ने तहसीलदार अंबर पंथी और पटवारी को दी लेकिन इसके बाद भी वह मौके पर नहीं पहुंचे जिससे लोगों में राजस्व विभाग के प्रति काफी नाराजगी देखी गई।
भोपाल बरेली में भी रविवार को दोपहर के समय तेज बारिश के साथ ओले गिरने से किसानो की चिंता बढ़ गई। बरेली नगर में तो मामूली बूंदाबांदी हुई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी बारिश के साथ ओले गिरे। ग्राम मेहरागांव, खपडिय़ा, गगनवाड़ा, करमवाड़ा सहित लगभग एक दर्जन गांवों में ओलावृष्टि हुई। देर शाम तक बूंदाबांदी होती रही।

इसके अलावा सीहोर में भी रविवार का दिन किसानों पर भारी पड़ा। दोपहर को तेज हवाओं के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि से सड़कों पर ओले की चादर बिछ गई। जिले में सौ से गांवों में ओलावृष्टि की जानकारी सामने आई है। इस दौरान कहीं ५ मिनट कहीं २० मिनट तक ओलावृष्टि हुई। सबसे अधिक नुकसान नसरुल्लागंज ब्लाक में हुआ है, जहां ५० ग्राम तक के ओले गिरे। यहां दो दर्जन से अधिक गांव ओलावृष्टि से प्रभावित रहे। मौसम विभाग का कहना है कि अभी खतरा टला नहीं है। दो दिन तक पूरे जिले सहित भोपाल जोन में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।
रविवार को दोपहर एक बजे के करीब आंधी व ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। पूरे जिले में मौसम ने अचानक करवट बदली और आसमान पर काले बादलों से डेरा जमा लिया। इसके साथ ही तेज हवाओं और आंधी के साथ जिले में करीब सौ से अधिक स्थानों पर ओलावृष्टि होने लगी। ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान बताया जा रहा है।