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नई दिल्ली। हरियाणा के राइट टू सर्विस आयोग ने सरकार के 250 कर्मचारियों तथा अधिकारियों को समय पर काम नहीं करने के चलते नोटिस दिया है। राइट-टू-सर्विस कमीशन के मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता ने कहा कि ऐसा नोटिफाइड सर्विसेज तय समय में नहीं देने के कारण किया है। उन्होंने कहा कि अब लोगों में राइट-टू-सर्विस एक्ट के प्रति जागरूकता आ रही है, ऐसे में यदि सरकारी सेवाओं को प्रदान करने में ढील करने वाले लोगों को दंडित करने से आम लोगों को राहत मिलेगी और इसका सकारात्मक प्रभाव सरकारी सेवाओं पर भी दिखाई देगा।
आयोग के मुख्य आयुक्त ने बताया कि सरकार के 31 विभागों की 546 सेवाएं राइट-टू-सर्विस एक्ट में नोटिफाइड की गई हैं। इन सभी सेवाओं में प्रत्येक सेवा प्रदान करने के लिए एक समय सीमा भी निर्धारित की गई है। सरकारी विभागों को इसी तय की गई समय-सीमा में ही सेवाएं आम जनता को उपलब्ध करानी होंगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें दंडित भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को यह ध्यान रखना होगा कि आवेदन रद्द करने की दर न्यूनतम हो तथा जनता सरकारी सेवाओं से संतुष्ट भी हो।
सेवा देने में देरी हुई तो देना होगा 20 हजार का जुर्माना
राइट-टू-सर्विस आयोग ने सभी कर्मचारियों तथा अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि सेवा प्रदान करने में देरी करने पर जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी पर 20 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह जुर्माना उस अधिकारी या कर्मचारी को अपने वेतन से देना होगा। यदि किसी कर्मचारी या अधिकारी पर तीन बार जुर्माना लगा तो आयोग उसे उसके पद से बर्खास्त करने के लिए सरकार से सिफारिश भी करेगा। आयोग को शक्ति की गई है कि वह पीड़ित आवेदक को पांच हजार रुपए तक का मुआवजा भी दे सकता है।
Published on:
10 Sept 2021 01:15 pm
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