
उग्रवादी संगठन NSCN (I-M) फिर शुरू कर सकता है सशस्त्र संग्राम, हथियार समेत गायब हुए कई सदस्य
(गुवाहाटी,राजीव कुमार): केंद्र और नगा संगठनों के बीच होने वाला समझौता एनएससीएन (आईएम) के अनुसार नहीं हुआ तो संगठन के फिर से सशस्त्र संग्राम की ओर जाने के आसार है। कारण जब दिल्ली में केंद्र और संगठन के बीच गतिरोध दूर करने के लिए बैठक हो रही थी तभी डिमापुर के हेब्रान कैंप से काफी सदस्य गायब हो गए। कहा जा रहा है कि तीन सौ सदस्य गायब हुए हैं। केंद्र संगठन की कई मांगों को नहीं मानेगा यह आशंका दृढ होने के साथ ही संगठन के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश के बाद ये सदस्य कैंप से अज्ञात स्थानों को चले गए हैं। संगठन ने मन बना रखा है कि समझौता अपने हिसाब से न होने पर सशस्त्र संग्राम फिर से शुरू करेंगे।
हथियारों के साथ गायब हुए...
सूत्रों के अनुसार संगठन के कैडर सिविल ड्रेस में विभिन्न हथियारों को वाहन में लेकर गायब हुए हैं। ये कैडर डिमापुर के हेब्रान कैंप से विभिन्न रास्तों से मणिपुर के म्यांमार सीमा के निकटवाले मोरे गए हैं।किस वजह से इतने सारे कैडर कैंप छोड़कर गए हैं इस बारे में हेब्रान कैंप की ओर से कोई बात नहीं कही गई है। उधर मणिपुर के एक टीवी चैनल पर एनएससीएन के तीन सौ कैडर भागने की खबर के बाद मणिपुर सीमा पर अलर्ट जारी किया गया है। सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। कैडरों के भागने की बात को भारतीय सुरक्षा एजेसिंयों ने अब तक पुष्ट नहीं किया है।
केंद्र और नगा संगठन के बीच के गतिरोध को तोड़ने के लिए हुई बैठक के बाद एनएससीएन (आईएम) के नगा आर्मी के सेनाध्यक्ष एंथनी सिमरे ने कहा कि नागालैंड के राज्यपाल तथा मध्यस्थ आर.एन रवि ने अलग झंडे और संविधान की बात को सीधे खारिज नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर के बाद भी शांति वार्ता चलती रहेगी। केंद्र ने नगा समस्या के समाधान के लिए 31 अक्टूबर की तारीख को अंतिम समय निर्धारित किया था। सिमरे ने कहा कि दिल्ली से लौटकर रवि राज्य के प्रमुख लोगों से बातचीत करेंगे। उसने स्पष्ट किया कि संगठन किसी भी कीमत पर अलग झंडे और संविधान की मांग को नहीं छोड़ेगा।
जल्द हल होगी समस्या:—सिमरे
सिमरे ने कहा कि 2015 के फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के जरिए केंद्र ने नगाओं को अद्वितीय और अतुलनीय इतिहास को स्वीकृति प्रदान की है। अब सिर्फ झंडे और संविधान की बात का हल होना है। उसने आशा जताई कि दोनों पक्ष बातचीत के जरिए 22 साल से चल रही शांति वार्ता का अंत करेंगे। मालूम हो कि एनएससीएन(आईएम) सदैव भारत के साथ संप्रभु अधिकार के साथ दो अलग-अलग संस्था के रुप में रहना चाहता है।
Published on:
26 Oct 2019 04:05 pm
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