क्योंकि मुझे ट्रेनिंग करने के बाद एक अच्छी ऑफिसर बनकर देश सेवा करनी थी। अब सबसे पहले मैं अपनी सिस्टर से मिलूंगी। रूंधे कंठ से यह घटना सुनाते ही रेखा एन रायमाने के आंखों से आंसू छलक आए। रेखा को बेस्ट फायरर के लिए कमांडेंट का स्वर्ण पदक दिया गया। वह तीन माह की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद एएनओ बन सकीं।
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दो साल बाद एक साथ 100 से अधिक बने एएनओज
OTA (ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी) में शनिवार को दीक्षांत परेड का आयोजन किया गया। इसमें 109 प्रशिक्षार्थी एएनओ (एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर) बने। इनमें 56 सीनियर और 53 सीनियर ग्रुप के एएनओ शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुआत परेड के साथ हुई। इसके बाद उन्हें परेड दी गई।
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ब्रिगेडियर तपन लाल साह, एनसीसी ओटीए ने दीक्षांत परेड की समीक्षा की।अतिथि के रूप में आइटीएम यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति रमा शंकर सिंह, कुलसचिव ओमवीर सिंह, एलएनआइपीई से डॉ. विल्फ्रेड वाज, ग्वालियर ग्लोरी हाइस्कूल की प्रिंसिपल राजेश्वरी सावंत उपस्थित रहीं। चैम्पियन ट्रॉफी अल्फा कंपनी को प्रदान की गई।प्रशिक्षण अधिकारी कर्नल प्रतीक सक्सेना ने बताया कि लगभग दो साल बाद इतनी संख्या में एक साथ एएनओज की शपथ ली।
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कैडेट कोर को करने वाला छात्र आधा फौजी बन जाता है । इसीलिए इस ट्रेनिंग को काफी टफ माना जाता है।इसकी स्थापना आजादी के कुछ महीनों बाद ही NATIONAL CADET CORPS ACTs 1948 के साथ हुई थी।
आपको बता दें कि एनसीसी समूह का नेतृत्व ‘लेफ्टिडेंट जनरल’ रैंक का अधिकारी करता है। सहसे बड़ा एनसीसी निदेशालय उत्तर प्रदेश में है। यहां करीब १.१३लाख कैडेट राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। कई कैडेट्स ने निशानेबाजी में र राष्ट्रीय स्तर पर अनेक सम्मानपाए हैं। एनसीसी का मुख्यालय दिल्ली में है।