
पुलिस को जीविवि का जवाब, शपथ पत्र दो अंकसूची लो
जालसाजी से डॉक्टरी की डिग्री निकालने के गोरखधंधे को समझ रही पुलिस को जीवाजी विश्वविद्यालय ने जवाब दिया 5 साल में 13 चिकित्सकों ने डुप्लीकेट अंकसूची और डिग्री निकाली हैं। आवेदक असली हैं या फर्जी इसकी जानकारी यूनीवर्सिटी को नहीं है। उसका नियम है 100 रुपए के स्टांप के साथ आवेदक डुप्लीकेट दस्तावेज मांगता है तो उसे दस्तावेज मुहैया कराए जाते हैं।
ग्वालियर निवासी डा. प्रतीक्षा शर्मा की एमबीबीएस की डुप्लीकेट अंकसूची और डिग्री निकालने में पकड़े गई मालेगांव (महाराष्ट्र) की प्रतिमा दाहिमा और उसका लिव इन पार्टनर ने खुलासा किया था जीवाजी विश्वविद्यालय में जाकर डॉ. प्रतिक्षा शर्मा की एमबीबीएस की अंकसूची और डिग्री निकालने के लिए आवेदन दिया। आसानी से दस्तावेज मिल गए थे। झांसी रोड टीआइ शैलेन्द्र भार्गव के मुताबिक जालसाजों के खुलासे पर जीवाजी विश्वविद्यालय से पूछा है डॉ. शर्मा के दस्तावेज फरेबियों कैसे थमा दिए। उनकी तस्दीक क्यों नहीं गई। यूनीवर्सिटी से कितने चिकित्सक डुप्लीकेट अंकसूची और डिग्री निकाल चुके हैं। विश्वविद्यालय से जवाब मिला है शपथ पत्र (100 रुपए के स्टांप) के साथ आवेदन पर डुप्लीकेट दस्तावेज दिए जाते हैं। 5 साल में 13 चिकित्सक ने इसी तरह डुप्लीकेट दस्तावेज निकाले हैं। अब पुलिस इन चिकित्सकों से तस्दीक करेगी कि डुप्लीकेट दस्तावेज उन्होंने ही निकाले हैं या उनकी अंकसूची और डिग्री भी जालसाज ले गए।
मालेगांव में पड़ताल
फरेबी प्रतीक्षा दाहिमा और शफीक के साथ पुलिस की टीम मालेगांव में डेरा जमाए है। वहां खुलासा हुआ प्रतीक्षा शादीशुदा है। पति से उसका अलगाव हो चुका है। 5 साल से शफीक के साथ लिवइन में है। शफीक ने ही उसे फर्जी तरीके से डॉक्टर बनाने का ठेका लिया है।
Published on:
22 Jun 2023 03:59 pm
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