
Digital Arrest :मध्य प्रदेश में पुलिस प्रशासन की तमाम सख्तियों और कार्रवाईयों के बावजूद साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसका ताजा मामला सामने आया ग्वालियर से, जहां एक व्यापारी और उसकी पत्नी को साइबर जालसाजों ने 12 घंटे से भी अधिक समय तक डिजिटल अरेस्ट करके उन्हीं के घर में बंधक बनाए रखा। हालांकि, पुलिस की सतर्कता के चलते दंपत्ति ठगी का शिकार होने से बच गए।
बताया जा रहा है कि साइबर जालसाजों से दंपती को सीबीआई अधिकारी बनकर कॉल किया। इस दौरान उन्होंने दंपती को सायबर फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए उनके मोबाइल के यूज का डर दिखाया। डरे हुए दंपती ने जब काफी देर अपने परिजन से बात नहीं की तो घर में मौजूद अन्य लोगों को कुछ शंका हुई। समय रहते घर वालों ने अपने पारिवारिक पुलिस अफसर को इसकी जानकारी दी। पुलिस अफसर ने पुलिस कंट्रोल रूम को इस संबंध में जानकारी दी। जिसके बाद देर रात पुलिस व्यापारी के घर पहुंची और मामले का खुलासा किया। पुलिस के समय रहते कार्रवाई के चलते दंपती ठगे जाने से बच गए।
दरअसल, ग्वालियर के झांसी रोड थाना क्षेत्र के गंगा अपार्टमेंट में रहने वाली महिला अमरजीत कौर और उनके पति का ऑटोमोबाइल का कारोबार है। इनके साथ डिजिटल अरेस्ट कर धोखाधड़ी की कोशिश हुई है। महिला के पास पुलिस और सीबीआई के नाम से अज्ञात नंबरों से कॉल आए और महिला को मनी लांड्रिंग के नाम पर डराया-धमकाया गया। फिर महिला को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर उसे ठगों ने अपने जाल में फंसा लिया।
दंपती के पास साइबर ठगों का काल सुबह आया था, जिसके बाद से वो रात 01 बजे तक उऩके चंगुल में फंसे रहे। इस दौरान दंपत्ति को उनके परिचित और रिश्तेदार कॉल करते रहे, लेकिन उन्होंने किसी का कॉल रिसीव नहीं किया। इसपर घर वालों को शक हुआ तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद रात करीब 01 बजे डीएसपी किरण अहिरवार पुलिस बल के साथ कारोबारी के घर पहुंची, जब पुलिस टीम ने घर का दरवाजा खटखटाया तो अंदर मौजूद दंपत्ति ने दरवाजा खोलने से भी इंकार कर दिया। पुलिस की लंबी कोशिश के बाद महिला ने गेट खोला। पुलिस ने दंपत्ति के मोबाइल चेक किये तो पता चला कि शातिर ठगों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर रखा है।
पुलिस की सतर्कता से इस तरह दंपती ठगी का शिकार होने से बच गए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा ने लोगों से अपील की है कि डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई चीज नहीं होती। अगर आपको व्हाट्सएप कॉलिंग या चैटिंग के माध्यम से कोई ईडी, सीबीआई या अन्य किसी एजेंसी का डर दिखाता है या धमकाता है तो आप बिल्कुल भी न डरें। संभव हो तो अपने परिजन और पुलिस को सूचित करें। जागरूक रहकर ही आप ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं।
Updated on:
07 Dec 2024 01:03 pm
Published on:
07 Dec 2024 10:29 am
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