
Patrika Raksha Kavach : आयुर्वेद के डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) रखकर ऑनलाइन फ्रॉडस्टर्स ने मेहनत से कमाया 21 लाख रुपया लूट लिया। साइबर ठगों ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी बताया। इस केस में पूरे परिवार समेत जेल भेजने की धमकी देकर 48 घंटे तक घर में डिजिटल अरेस्ट रखा। फिर बैंक में जमा उनकी जिंदगीभर की कमाई को जांच के नाम पर अपने खातों में ट्रांसफर करा लिया। उसके बाद भी तीन दिन तक डॉक्टर को ठगों ने सर्विलांस पर रखा। पिछले 10 महीने में डिजिटल अरेस्ट की दूसरी बड़ी वारदात है।
हनुमान नगर (गोला का मंदिर) ए-27 निवासी डॉ. मुकेश कुमार शुक्ला (63) को साइबर ठगों ने 29 नवंबर की सुबह 10.15 बजे टैक्सेशन विभाग का कर्मचारी बनकर कॉल किया। उनसे कहा वह महालक्ष्मी ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक हैं। कंपनी को 9 लाख 44 हजार 044 रुपए टैक्स चुकाना है। रकम का भुगतान करो, नहीं तो दो घंटे में उनके खाते से पैसा विड्राल कर लिया जाएगा।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि आयुर्वेदिक डॉक्टर (Digital Arrest) हैं, कंपनी से उनका कोई लेना देना नहीं है तो फोन करने वाले ने पैंतरा बदला। रिकार्ड में तो वहीं कंपनी के मालिक हैं, यह गलत है तो उनके साथ फ्रॉड हुआ है दिल्ली पुलिस मुख्यालय में इसकी तुरंत शिकायत करो। देर की तो खाते से 9 लाख रुपया कट जाएगा।
डॉ.शुक्ला ने बताया ठगों (Digital Arrest) ने उन्हें सोचने समझने का मौका नहीं दिया, सवाल पर सवाल करते गए। लगातार जेल जाने की बात सुनकर वह भी सहम गए। लगातार सफाई दी कि उम्र के इस पडाव में गैर-कानूनी काम नहीं करेंगे। उनकी पहली पत्नी और बेटे की कोरोना में मौत हो चुकी है। उनका परिवार बिखर चुका है। दूसरी शादी कर फिर संभलने की कोशिश की है। तब उनसे कहा गया वह चाहें तो पीएफआइ से जांच करा सकते हैं। इससे उन्हें राहत मिल सकती है। उसके लिए प्रवीण सूद से बात कराई। उसने खुद को सीबीआइ चीफ बताकर कहा- ऑनलाइन फ्रॉड की लगातार वारदातें देखकर पीएम मोदी (PM Modi) ने उसे विशेष तौर से इस तरह के अपराधों पर लगाम के लिए पदस्थ किया है।
उसने सुप्रीम कोर्ट के सामने उनकी बात रखकर जांच के आदेश कराने का भरोसा दिलाया, लेकिन शर्त रखी कि जैसा वह कहेगा वैसा करना पड़ेगा। फिर सूद ने 48 घंटे उन्हें घर में डिजिटल अरेस्ट रखा। उनके बैंक में जमा 21 लाख रुपए अपने बैंक खातों में जमा कराए। किसी से फोन पर भी बात नहीं करने दी। ऑनलाइन पैसा लूटने के बाद भी तीन दिन तक डिजिटल (Digital Arrest) निगरानी में रखा। लगातार यह भरोसा दिलाता रहा कि जांच पूरी पर पूरा पैसा वापस कर देगा फिर संपर्क बंद कर दिया।
डॉ. शुक्ला ने बताया दो घंटे में दिल्ली पहुंचकर शिकायत दर्ज कराना संभव नहीं था। फोन करने वाले ने हमदर्दी दिखाकर कहा ऑनलाइन एफआइआर (Digital Arrest) दर्ज कराने के लिए उनका नंबर दिल्ली पुलिस को दे रहा है। कुछ ही देर बाद वाट्सऐप कॉल आया। इस बार वर्दी में पुलिस वाला बात कर रहा था। उसने खुद को अजय कुमार बताया और शिकायत पूछी और ऑनलाइन एफआइआर नंबर 49916 दर्ज होना बताई, उनसे पूरे परिवार की आईडी दिखाने को कहा।
इस दौरान ऑनलाइन आईडी चैक करने का हवाला भी दिया गया। उनकी पत्नी और बेटी की आइडी को सही बताया, लेकिन उनकी आइडी देखकर कहा तुम्हें तो आजीवन जेल में रहना होगा, पूरी संपति भी कुर्क होगी, क्योंकि तुम्हारी आईडी महालक्ष्मी ट्रांसपोर्ट कंपनी के अलावा मनीष चौधरी से भी पकड़ी गई है। मनीष को सीबीआई ने करोड़ों रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार किया है। भरोसा दिलाने के लिए उनके नाम से जारी आइसीआइसीआई बैंक का प्लेटिनम वीजा कार्ड भी दिखाया।
क्राइम ब्रांच थाना टीआई अजय पंवार ने कहा कि, 'केस में जेल भेजने की धमकी देकर ऑनलाइन फ्रॉडस्टर्स ने दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट(Digital Arrest) रखा। फिर उनके बैंक खातों में जमा 21 लाख रुपए जांच के नाम पर अपने बैंक एकाउंट में जमा कराए। तीन दिन बाद डॉक्टर को ठगी का आभास हुआ तब उन्होंने शिकायत की है। जिन बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ है उनका पता लगाया जा रहा है।'
Updated on:
03 Dec 2024 01:34 pm
Published on:
03 Dec 2024 12:26 pm
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