
ग्वालियर। मध्यप्रदेश में युवाओं को रोजगार के लिए नए मौके उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल का गुरुवार को शुभारंभ हो गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेन्द्र सिंह तोमर ने ड्रोन उड़ाकर स्कूल का उद्घाटन किया।
स्कूल की औपचारिक शुरुआत 12 मार्च से होगी यानि स्कूल में पहली क्लास 12 मार्च से शुरू होगी। ड्रोन स्कूल का संचालन एमआइटीएस परिसर में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी द्वारा किया जाएगा। इसके लिए देश की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी और एमआइटीएस के बीच एमओयू साइन हुआ था।
5 दिन का कोर्सः ड्रोन चलाना सीखने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी ने 5 दिन का कोर्स तय किया है जिसकी फीस 55 हजार रुपये है. इसमें 18 फीसदी जीएसटी रखी गई है। इसमें दो दिन ड्रोन के बारे में पढ़ाया जाएगा और 3 दिन ड्रोन को उड़ाना सिखाया जाएगा। इसके बाद एक टेस्ट को पास करना होगा, तब प्रमाण पत्र मिलेगा।
स्कूल में 10 वीं पास, पासपोर्ट और 18 से 65 साल के बीच का कोई भी व्यक्ति प्रवेश ले सकेगा-ड्रोन स्कूल में 10 वीं पास, पासपोर्ट और 18 से 65 साल के बीच का कोई भी व्यक्ति प्रवेश ले सकेगा। इसमें 3 दिन की प्रैक्टिकल क्लास भी होगी। अभी 10 लोग आनलाइन प्रवेश ले चुके हैं जिनकी क्लास भी 12 मार्च से शुरू की जाएगी। 6-6 छात्रों के अलग-अलग बैच बनाए जाएंगे। एक माह में करीब 40 छात्र ड्रोन उड़ाना सीख सकेंगे।
यहां पर 5 दिन में दो कोर्स की पढ़ाई हाेगी। इसमें इंस्ट्रक्टर और पायलट का काेर्स शामिल है। इंस्ट्रक्टर ड्रोन उड़ाने के निर्देश देता है और पायलट ड्रोन उड़ाना सिखाता है. इन दोनों का 5 दिन का प्रशिक्षण एक ही है। इंस्ट्रक्टर और पायलट का कोर्स करने वालों को नौकरी दिलाने में अकादमी मदद करती है। इंस्ट्रक्टर को पढ़ाने के क्षेत्र में और पायलट काे सर्वे के कार्य में भी नौकरी मिलने की संभावनाएं होती है।
Published on:
11 Mar 2022 08:15 am
बड़ी खबरें
View Allग्वालियर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
