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टेंपो चालक ने पुलिस को दिया चकमा,पांच लाख के गहने को ऐसे किया पार

टेंपो चालक ने पुलिस को दिया चकमा,पांच लाख के गहने को ऐसे किया पार

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jewels stole thief

लाखों की नकदी और जेवर पर हाथ साफ

ग्वालियर। किराया वसूलने के बहाने ड्राइवर ने महिला मुसाफिर के करीब 5 लाख कीमत के गहने चोरी कर लिए। जेवर का डिब्बा थैले में रखकर घर की टांड पर छिपा दिया। टेंपो में कोई सवारी नहीं थी इसलिए महिला ने जेवर चुराने में टेंपो चालक पर ही अंगुली उठाई। मुरार पुलिस ने शक में उसे पकड़कर दो दिन तक इंट्रोगेट भी किया,लेकिन चोरी का राज नहीं उलगवा सकी। करीब एक महीने चोरी ब्लाइंड रही फिर वारदात का क्लू गिरवाई पुलिस को मिल गया। टेंपो चालक को दोबारा पकड़ कर इंट्रोगेट किया तो उसने चोरी का खुलासा कर दिया।

सीएसपी मुनीष राजौरिया ने बताया 19 मई की शाम टेंपो चालक राजेन्द्र बघेल निवासी हुरावली ने मोहनी चौहान का पर्स चुराया था। मोहनी ससुर विद्याराम और पिता मेघ सिंह के साथ उस दिन भिण्ड से ग्वालियर आई थी। तीनों बस से गोला का मंदिर तक आए। राजेन्द्र बघेल गोला का मंदिर से हुरावली तक टेंपो चलाता है। ससुर, बहू और मुरार जाने के लिए राजेन्द्र के टेंपो में बैठ गए। सात नंबर चौराहे पर उसमें बैठी दूसरी सवारियां उतर गई।

राजेन्द्र टेंपो से उतरकर उनसे किराया वसूलने लगा। उसने नजर बचाकर मोहनी का पर्स सीट के पीछे की तरफ सरका दिया। मुरार पर मोहनी और उसके परिजन उतर गए, उन्हें पर्स का ध्यान नहीं रहा। उनके जाने के बाद राजेन्द्र ने पर्स खोला तो उसमें टिफिन के डिब्बे में सोने की चार चूडियां, दो कड़े, एक मंगलसूत्र, सोने की सीतारामी, पांच अंगूठी, एक हार, एक जोडी कान के बाले, एक जोड़ी सुई धागा, चांदी की पायल थी।

जेवर देखकर राजेन्द्र ने पर्स रास्ते में फेंका और गहने घर फूटी कॉलोनी सिरोल ले जाकर टांड पर छिपा दिए। उधर घर पहुंचकर मोहनी को याद आया कि पर्स टेंपो में रह गया तो परिजन ने हुरावली पर आकर राजेन्द्र को ढूंढकर उससे पर्स के बारे में पूछा, लेकिन राजेन्द्र पर्स के बारे में जानकारी से साफ मुकर गया। लेकिन टेंपो में कोई सवारी नहीं थी इसलिए मोहनी ने मुरार थाने जाकर पुलिस से कहा कि उसका पर्स राजेन्द्र के पास ही है, संदेह पर पुलिस ने राजेन्द्र को हिरासत में लिया।

दो दिन तक उसे इंट्रोगेट भी किया लेकिन चोरी नहीं उगलवा सकी। उसे चकमा देकर राजेन्द्र ने समझा कि अब जेवर उसके हैं। करीब एक महीने तक चुप्पी साधकर बैठा रहा। उधर मुखबिर ने गिरवाई पुलिस को क्लू दिया कि मोहनी के जेवर राजेन्द्र ने ही चुराए हैं, टिप पर उसे पकड़ा तो इस बार राजेन्द्र टूट गया। उसने वारदात का खुलासा कर वह ठिकाना भी बता दिया जहां चोरी के गहने छिपा कर रखे थे।