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एमपी के इस शहर में बिजली की झंझट खत्म, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Gwalior electricity problems सरकार लाख दावा करे लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कई घंटों तक बिजली नहीं मिलती। प्रदेश के महानगरों की हालत भी कुछ ऐसी ही है।

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Agreement reached on 57 percent power for MP under the Sardar Sarovar Project

Agreement reached on 57 percent power for MP under the Sardar Sarovar Project

मध्यप्रदेश में बिजली समस्या बरकरार है। सरकार लाख दावा करे लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कई घंटों तक बिजली नहीं मिलती। प्रदेश के महानगरों की हालत भी कुछ ऐसी ही है। यहां जब तब बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है, लोड कम ज्यादा होने की शिकायतें भी आम हैं। बिजली से संबंधित ऐसी झंझटों को खत्म करने के लिए ग्वालियर में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। यहां बिजली सप्लाई व्यवस्था और वोल्टेज की समस्या को दूर करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। शहरभर में नए ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं, यहां तक कि 132/33 केव्ही के केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। ग्वालियर में लोगों को सोलर पैनल लगवाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर में बिजली की झंझटें खत्म करने के उपायों के बारे में बताया।
उन्होंने विद्युत वितरण व्यवस्था और वोल्टेज की समस्या को दूर करने के लिए 132/33 केव्ही के नए विद्युत वितरण केंद्र की मंजूरी का ऐलान किया। मंत्री ने उपभोक्ताओं से पीएम सूर्य घर योजना का लाभ उठाने की भी अपील की।

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ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि ग्वालियर शहर में वोल्टेज की समस्या को दूर करने के लिए 132/33 केव्ही विद्युत वितरण उप-केन्द्र बनाया जाएगा। इसके लिए जमीन तलाशी जा रही है। उन्होंने बताया कि बिलौआ में विद्युत वितरण उप-केन्द्र के लिए टेंडर मांगे गए हैं।

मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि ग्वालियर में बिजली आपूर्ति सिस्टम मजबूत बनाते हुए निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। सिकंदर कम्पू में 132/33 केव्ही विद्युत वितरण उप-केन्द्र को मंजूरी दे दी गई है। इसी तरह शताब्दीपुरम में भी 132/33 केव्ही का विद्युत वितरण उप-केन्द्र बनाया जाएगा। 15 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन और फीडर वे का निर्माण भी किया जाना है।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने लोगों से सोलर पैनल लगवाने की अपील की। पीएम सूर्य घर योजना में सोलर पैनल लगवाने पर 3 किलोवाट तक के लिए डेढ़ लाख रुपए तक का खर्च आता है। सरकार इस पर 70 हजार रुपए की सब्सिडी देती है। उपभोक्ता महज ढाई साल में ही अपने खर्च की भरपाई कर सकते हैं।