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MP Election Result Live : ग्वालियर विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर 19000 वोटों से जीते

ग्वालियर जिले की ग्वालियर विधानसभा सीट क्रमांक- 15 पर शुक्रवार 17 नवंबर 2023 को संपन्न हुए मतदान के रविवार को नतीजे से सामने आ गए हैं। इस सीट पर भाजपा के मौजूदा विधायक और शिवराज सरकार के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ही विजयी हुए हैं।

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MP Election Result Live

MP Election Result Live : ग्वालियर विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर 19000 वोटों से जीते

मध्यप्रदेश के ग्वालियर संभाग के ग्वालियर जिले में आने वाली ग्वालियर विधानसभा सीट सूबे की सबसे चर्चित विधानसभा सीटों में से एक है। ग्वालियर विधानसभा सीट पर इस बार भी मौजूदा विधायक प्रद्मुम्न सिंह तोमर ने जीत दर्ज की है। प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कांग्रेस के सुनील शर्मा को 19000 वोटों से हराया है।

याद हो कि कांग्रेस उम्मीदवार सुनील शर्मा को 2020 में हुए उपचुनाव के दौरान भाजपा में गए सिंधिया समर्थक नेता प्रद्युम्न सिंह तोमर के हाथों ही करारी हार का सामना किया था।

17 नवंबर को संपन्न हुए चुनाव में ग्वालियर विधानसभा सीट पर 64.57 फीसदी की वोटिंग दर्ज की गई है। वहीं, बात करें 2018 के वोट प्रतिशत की तो पिछली बार इस सीट पर 63.37 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2013 में यहां 61.25 प्रतिशत वोट पड़े थे।

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भाजपा के प्रदुमन सिंह तोमर

2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदुमन सिंह तोमर कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से विधायक बने थे। लेकिन मार्च 2020 में वो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद 2020 के उपचुनाव में भी प्रदुमन सिंह तोमर ने अपनी सीट पर कब्जा बनाए रखा। उपचुनाव में प्रद्यम्न सिंह तोमर ने कांग्रेस उम्मीदवार सुनील शर्मा को 33,123 वोटों से हराकर विधानसभा पहुंचे। प्रद्यम्न सिंह तोमर को ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थकों में से एक माना जाता है। वहीं, ग्वालियर सीट भी सिंधिया के ही गढ़ वाली सीट मानी जाती है। यही कारण है कि इस बार के चुनाव में इस सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख भी दाव पर लगी है।

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कांग्रेस के सुनील शर्मा

कांग्रेस पार्टी ने भी ग्वालियर सीट पर अपने पुराने चेहरे सुनील शर्मा पर भरोसा जताया है। लेकिन, सीट पर सुनील शर्मा का नाम अनाउंस होते ही कांग्रेस को अंदरखाने में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस सीट पर टिकट के अन्य दावेदार राजेंद्र तोमर, योगेश तोमर, सौरभ तोमर अशोक तोमर और वीर सिंह ने सामूहिक प्रेस कॉफ्रेंस कर टिकट का विरोध करते हुए पार्टी नेतृत्व के फैसले को गलत ठहरा दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की विरोध की एक वजह सुनील शर्मा का एक समय में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी नेता होना भी माना जा रहा है। दरअसल मार्च 2020 में सिंधिया के भाजपा में शामिल हुए थे। उस दौरान प्रद्युम्न सिंह तोमर तो उनके साथ भाजपा में चले गए थे, लेकिन सुनील शर्मा कांग्रेस में ही रहे, जिसके चलते कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने 2020 का उपचुनाव भी लड़ा था।

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ग्वालियर विधानसभा के मतदाता

ग्वालियर का विधानसभा क्रमांक 15 है। विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 285 है। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 58 हजार 640 है। जबकि महिला मतदाता 1 लाख 41 हजार 623 है।

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ग्वालियर विधानसभा की जनता की आवाज

- साल 1990 तक आर्थिक रूप से सबसे समृद्ध क्षेत्र और जेसी मिल, ग्रेसिम, स्टील फाउंड्री, सिमको जैसे बड़े उद्योगों और इनकी बदौलत 30 हजार कर्मचारियों को रोजी रोटी देने वाले ग्वालियर में विकास किस गति से दौड़ रहा है ? इस सवाल का जवाब देने में क्षेत्र के लोगों का दर्द छलक उठा। किले पर पर्यटक आसानी से जा सकें, इसलिए हमारे घर तोड़ दिए गए। कई लोगों के मकान आदे से ज्यादा तोड़े गए जिनकी हदबंदी करा पाना हर घर से जुड़े जिम्मेदार के बस का नहीं है। लोगों का कहना है कि सरकार ने कोई मुआवजा भी नहीं दिया। मकानों के तोड़े जाने पर सड़कें तो चोड़ी हो गईं पर दोनों छोर पर गाड़ियां और हाथ ठेले खड़े हो जाते हैं, जिससे जाम के हालात वैसे के वैसे ही हैं। लोगों का कहना है कि घर तो गंवा दिए लेकिन रास्ता चौड़ा नहीं हुआ।

- इलाके में बीते 30 वर्षों से पानी की समस्या यथावत बनी हुई है। एक दिन छोड़कर पानी दिया जा रहा है, पर वो भी गंदा है, जिसे पिया नहीं जा सकता।

- लोगों का कहना है कि सड़कें तो बनी हैं, लेकिन इन्हें चमकाने से क्या होगा ? महंगाई से व्यापारी और रोजगार न मिलने से युवा परेशान हैं। उनकी परेशानी दूर हो तो कोई बात बने।

- सरकारी योजनाओं में मुफ्त में दी जा रही सुविधाओं से खिन्न क्षेत्रवासियों का कहना है कि मुफ्त अनाज और लाड़ली बहना के नाम पर पैसे बांटे जा रहे हैं। एलिवेटेड रोड के नाम करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। लेकिन, क्या इससे रोजगार और महंगाई की समस्याएं हल होगी क् ? विकास का हाल ये है कि क्षेत्र में 30 साल में एक उद्योग भी नहीं है।

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इस बार हर सीट पर कांटे की टक्कर

6 जनवरी 2024 को मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। उससे पहले 3 दिसंबर को चुनाव आयोग नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लेगा। 17 नवंबर को पूरे प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। चुनाव से पहले अबतक सामने आए सर्वेक्षणों में ये पता चला है कि इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान कांग्रेस और भाजपा के बीच हर सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।