
gwalior railway having 28 lacs loss a day due to corona affect
ग्वालियर. कोरोना संक्रमण को लेकर लॉक डाउन के चलते हर किसी को नुक्सान उठाना पड़ रहा है। वहीं एक बड़ा नुक्सान रेलवे को भी अपनी ट्रेनों के रद्द होने से हो रहा है। झांसी मंडल के ग्वालियर स्टेशन से ही हर दिन रिजर्वेशन के औसत लगभग 7 लाख रूपए के टिकट बिकते है। जिसमें ग्वालियर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म एक, चार के साथ मुरार और कंपू कोठी से रिजर्वेशन टिकट यात्रियों के लिए बनाए जाते है। वहीं रेलवे की सबसे ज्यादा आय हर दिन जनरल टिकटों से होती है। रेलवे स्टेशन के जनरल टिकट विंडों पर औसत लगभग 21 लाख के टिकट यात्रियों द्वारा खरीदे जाते है। इसमें टिकट विंडो के साथ एटीवीएम मशीन भी शामिल है। इसके हिसाब से रेलवे को 24 दिन में लगभग 6 करोड़ 72 लाख रूपए अभी तक नुक्सान रेलवे टिकटों से ही हो चुका है।
22 जून तक मिलेगा पूरा रिफंड
रेलवे ने अपनी ट्रेनों को लॉक डाउन के चलते रद्द कर दिया था। यात्रियों के रिफंड के लिए रेलवे ने मार्च महीने में ही आदेश निकाला था कि जिन लोगों को अपना रिफंड लेना है। वह तीन महीने 22 जून तक टिकट दिखाकर टिकट विंडो से रिफंड ले सकते है। ऐसे में जिन यात्रियों का रिफंड रेलवे पर है वह पूरा रिफंड 22 जून तक ले सकता है। इसमें किसी भी तरह को कोई शुल्क नहीं कटेगा।
पार्सल स्पेशल टे्रन पर आरपीएफ की विशेष नजर, हर ट्रेन पर चार जबान तैनात
लॉक डाउन के चलते इन दिनों ट्रेनें पूरी तरह से बंद है। लोगों को जरूरत का सामान पहुंचाने के लिए रेलवे ने पार्सल स्पेशल ट्रेने चलाई है। इसमें ग्वालियर से भोपाल और नईदिल्ली से चेन्नई की ट्रेनें ज्यादा इस रूट पर निकल रही है। इसको देखते हुए आरपीएफ ने अपनी विशेष रखना शुरू कर दी है। पार्सल स्पेशल ट्रेन में खाने- पीने का सामान के साथ दवाएं या अन्य महत्वपूर्ण सामान ही एक से दूसरे स्थान तक आ जा रहा है। इसको देखते हुए कई स्टेशनों पर सामान छड़ाया और उतारा भी जाता हैै। लेकिन इन सबकी देखरेख के लिए हर ट्रेन में आरपीएफ का चार जबानों को तैनात किया गया है। यह लोग ट्रेन से जाने वाले सामान की देखरेख कर उसकी देखरेख कर है। यह ट्रेनें कभी भी छोटे स्टेशनों पर घंटों खड़ी हो जाती है। ऐसे में सामान की देखरेख काफी जरूरी है। इसको देखकर इन दिनों यह व्यवस्था की गई है।
यार्ड में भी विशेष देखरेख
ट्रेनों का संचालन बंद होने से अब कई स्टेशनों पर ट्रेनें खड़ी हो गई है। इनकी देखरेख भी बहुत आवश्यक है। इसमें कई ट्रेनें यार्ड में खड़ी हो गई है। इन ट्रेनों की देखरेख के लिए आरपीएफ के जबानों को तैनात किया गया है। वहीं इन जबानों की ड्यूटी चौबीस घंटे की यार्ड में लगाई गई है।
Published on:
15 Apr 2020 04:58 pm
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