
ज्योतिरादित्य सिंधिया
ग्वालियर. ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा में बने रहेंगे। केंद्रीय मंत्री के पक्ष में एक बड़ा निर्णय हुआ है। हाईकोर्ट ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंह सिंधिया के खिलाफ दायर चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में उनके राज्यसभा निर्वाचन को चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने कहा कि एफआइआर दर्ज होना लंबित अपराध की श्रेणी में नहीं
आता है। इसलिए याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इससे सिंधिया को
राहत मिली है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने 2020 में हाईकोर्ट में केंद्रीय मंत्री
ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा निर्वाचन को लेकर चुनाव याचिका
दायर की थी। उनकी ओर से तर्क दिया गया है कि सिंधिया के खिलाफ
भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में केस दर्ज है, लेकिन उन्होंने अपने
राज्यसभा के निर्वाचन में इसकी जानकारी छिपाई है। इसलिए उनका
चुनाव शून्य घोषित किया जाए।
सिंधिया की ओर से याचिका का विरोध किया गया। कहा, केस दर्ज होना लोक प्रतिनिधित्व कानून में नहीं आता है, इसे खारिज किया जाए। कोर्ट में इस चुनाव याचिका की वैधता तय होनी थी कि या एफआइआर दर्ज होना लंबित केस में माना जाएगा।
14 दिसंबर-2023 को दोनों का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। गुरुवार को इस याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया।
अंतिम अवसर मिलने पर की थी बहस
गांविंद सिंह की ओर से लगातार समय लिया जा रहा था, जिसके चलते कोर्ट ने बहस के लिए अंतिम अवसर दिया था। इसके बाद याचिका पर बहस
पूरी हो सकी थी।
गोविंद सिंह ने बैंच बदलने की भी गुहार लगाई थी। कोर्ट ने 19 सितंबर 2023 को उनका अंतरिम आवेदन खारिज करते हुए 10 हजार का
जुर्माना भी लगाया था।
Published on:
16 Feb 2024 07:45 am
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