
Kota fake kidnapping case: शिवपुरी के बैराड़ की छात्रा काव्या ने डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने पर्ढ़ाई की जगह गलत राह चुन ली। उसने रशिया जाकर आसानी से एमबीबीएस करने के लिए गायब रहकर अपने अपहरण की कहानी रच डाली। इस साजिश का आइडिया उसे यूट्यूब से मिला। इसके बाद उसने रशिया से एमबीबीएस करने के लिए 30 लाख रुपए का खर्च फिरौती के नाम पर पिता से लेकर देश छोडऩे का इरादा कर लिया था। हालांकि छात्रा चाहती थी कि जब वह डॉक्टर बन जाएगी तो अपने माता-पिता को सारा सच बता देगी। कोटा पुलिस अब इस मामले में विधिक सलाह लेकर आगे कार्रवाई करेगी।
इंदौर के खुड़ैल थाना क्षेत्र से मंगलवार को छात्रा काव्या और उसके दोस्त हर्षित यादव को पुलिस ने पकड़ा था। इनको कोटा पुलिस के हवाले कर दिया था। कोटा पुलिस की पूछताछ में छात्रा ने सारी सच उगल दिया। वह 2 अगस्त को अपनी मां के साथ कोटा पहुंची। यहां कोचिंग में प्रवेश लेने का झूठ बोला तो मां शिवपुरी लौट गई। लेकिन कोटा में उसका मन नहीं लगा और वह इंदौर आ गई।
छात्रा इंदौर में रहती रही, लेकिन उसे डर था कि पढ़ाई अच्छी नहीं होने से वह नीट परीक्षा पास नहीं कर पाएगी। ऐसा नहीं होने पर उसका डॉक्टर बन पाना मुश्किल है। इसलिए वह डॉक्टर बनने के विकल्प तलाशने लगी। उसे सर्चिंग में पता चला कि रशिया से एमबीबीएस करना आसान है। वहां फीस देकर सीधे प्रवेश मिल सकता है। इस पर करीब 30 लाख रुपए खर्च आ रहा था। इतनी बड़ी रकम उसके पास नहीं थी।
छात्रा अपने साथी हर्षित के साथ रशिया से एमबीबीएस करने के लिए 30 लाख का इंतजाम करने की प्लानिंग करने लगी। उसे यूट्यूब से खुद के अपहरण और फिरौती का तरीका मिल गया। इसके बाद उसने अपनी रस्सियों से बंधी फोटो पिता के मोबाइल पर भेजी। बेटी की जान बचाने के लिए 30 लाख रुपए फिरौती मांगी। पिता इतनी बड़ी रकम का इंतजाम कर पाने से सक्षम नहीं हुए और मामला पुलिस तक पहुंच गया। कोटा पुलिस ढूंढने निकली।
Published on:
04 Apr 2024 12:12 pm
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