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Gang Rape Case : आरोपियों की दहशत में गांव हुआ वीरान, घरों पर लटके ताले

विकलांग मजदूर की नाबालिग बेटी से गैंगरेप के गवाह बरकोड़ा गांव में अब वीरानी छाई है। एक रात की दरिन्दगी ने यहां की तस्वीर बदल दी है...पढ़ें patrika की ग्राउंड रिपोर्ट...

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विकलांग मजदूर की नाबालिग बेटी से गैंगरेप के गवाह बरकोड़ा गांव में अब वीरानी छाई है। एक रात की दरिंदगी ने यहां की तस्वीर बदल दी है। यहां के घरों पर लटके ताले और चारों तरफ पसरा सन्नाटा बलात्कारियों की दहशत को दर्शा रहा है। गांव से पीड़ित परिवार के साथ ही बाकी परिवार भी पलायन कर गए हैं। पत्रिका टीम ने बरकोड़ा में हालात देखे तो चारों तरफ सिर्फ सन्नाटा ही सन्नाटा नजर आया।

पैसा और रसूख के बल पर महिलाओं को शिकंजे में लेना चाहते थे

बरकोड़ा छोड़कर दूसरी बस्तियों में दुबके कुछ परिवारों से उस रात का सच जानने के लिए भरोसा दिलाने में ही काफी मशक्कत करनी पड़ी। बातचीत में इन्होंने जो खुलासा किया वो रूह कंपा देने वाला है। डांढा खिरक और डांग चराई के बीच बसे बरकोड़ा गांव में सन्नाटा है। मास्टरमाइंड बंटी गुर्जर का कच्चा मकान जमींदोज हो चुका है। भय का ऐसा माहौल है कि गांव की तरह लोग आने से तो कतरा रहे हैं लेकिन घटना को लेकर चौंकाने वाले खुलासे कर रहे हैं। उनके मुताबिक गैंगरेप कांड का मास्टरमाइंड बंटी गुर्जर निवासी डांग चराई है। मजदूरों की बस्ती (बरकोड़ा) में उसने नशाखोरी और अय्याशी के लिए अड्डा जमाया था। उसका काम दोस्तों की दंबगई और पैसा का रसूख दिखाकर मजदूर परिवार की महिलाओं को शिकंजे में लेना था। इस पैंतरे से बंटी ने बस्ती में एक महिला को फंसा रखा था। वारदात की रात बंटी के बुलावे पर आकाश, संजीव और जंडेल उस महिला के पास पहुंचे, लेकिन उसके घर दादी आ जाने से खेल बिगड़ गया। इसके बाद बंटी ने नाबालिग को नया शिकार बनवाया।

दरिन्दे नशे में आए और विकलांग पिता से बोले-डेढ़ घंटे के लिए तेरी बेटी चाहिए

30 जनवरी की रात बलात्कारियों ने नाबालिग के साथ दरिंदगी की सारे हदें पार की थीं। नशे में धुत होकर विकलांग मजदूर को धमकाया था कि डेढ़ घंटे के लिए तेरी बेटी चाहिए फिर उसे छोड देंगे। उनकी बात सुनकर मजदूर चीख पड़ा था। हिम्मत जुटाकर उसने पूछा, बेटी से क्या मतलब है, मुझसे बात करो। तब वहशी उसकी कनपटी पर तमंचा रखकर बेटी को खींचकर झोपडी ले गए वहां उसके साथ गैंगरेप किया। दूसरे दिन बंटी गुर्जर ने मामले को दबाने के लिए पूरी बस्ती को चुप रहने की धमकी दी, लेकिन बात खुल गई।

गुनाह के सबूत मिटाने की फिराक में दरिंदों के साथी

अब बलात्कारी अपने गुनाह के गवाह और सबूत मिटाने की फिराक में हैं। उनका साथी डकैत गुडडा गुर्जर का गुर्गा जंडेल गुर्जर पुलिस के हाथ नहीं आया है। उसे पता है बस्ती में किसने गैंगरेप की घटना देखी है। किसी ने मुंह खोला तो बलात्कारियों के परिजन और साथी जिंदा नहीं छोडेंगे, इस खौफ में बस्ती खाली हो गई। गैंगरेप में खदान मालिक का बेटा आकाश गुर्जर भी है। मजदूरों को खदानों पर ही काम करना है तो उसने दुश्मनी लेने में भी कतरा रहे हैं।

पीड़िता के बयान में भी यही

पीड़िता ने भी पुलिस को बताया है छोटे भाई को लघुशंका कराने के लिए निकली थी तब बलात्कारियों ने उसे दबोच लिया। शोर मचाकर पिता को बुलाया तो वहशियों ने उन पर तमंचा तान दिया। उनसे कहा डेढ़ घंटे के लिए तेरी बेटी चाहिए। विकलांग होने की वजह से पिता बलात्कारियों से सीधे जूझ नहीं पाए, लेकिन पीछे नहीं हटे तो बलात्कारियों ने उन्हें काबू करने के लिए एक घंटे चुप रहने को कहा। फिर बलात्कारियों ने तमंचा तान दिया।

दूसरी बस्ती में बसाया, पीएम योजना में जगह भी दिलाई

भंवरपुरा थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह सिकरवार का कहना है पीड़िता के परिवार को बरकोड़ा में खतरा हो सकता था। इसलिए उसे भंवरपुरा थाने से कुछ दूरी पर बसाया है। परिवार को यहां पीएम योजना के तहत आवास में जगह दिलाई है।

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