ग्वालियर से अभियान के आगाज को मोदी की ओर से कांग्रेस के बड़े चेहरे और मध्यप्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ भेदने की कोशि के तौर पर भी देखा जा रहा है। यहां से उठने वाली सियासी आवाज 30 से अधिक सीटों पर असर डालती है। मोदी से पहले यहां आ चके राहुल की सभाओं और रोड शो में अच्छी भीड़ जुटने के बाद अब भाजपा भी मोदी की सभा के लिए पूरा जोर लगा रही है। तब थे पीएम के दावेदार, अब चार साल से ज्यादा चला चुके सरकारतब थे पीएम के दावेदार, अब चार साल से ज्यादा चला चुके सरकार
2013 में फूलबाग था, यह बोले थे… |
अब मेला मैदान में ये बोल सकते हैं… |
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ये बोल सकते हैं मोदी : मोदी सीधे तौर पर राहुल का नाम लेने से बचते रहे हैं। ऐसे में ग्वालियर में वे उसी तर्ज पर राहुल और सोनिया पर निशाना साध सकते हैं, जिस अंदाज में वे इन दिनों छत्तीसगढ़ में बोल रहे हैं। नेशनल हेराल्ड का मामला चूंकि मध्यप्रदेश से जुड़ा हुआ है, मोदी यहां भी इस मुद्दे पर राहुल-सोनिया को घेर सकते हैं। किसानों को जोडऩे के लिए वे प्रदेश सरकार की किसानों से जुड़ी योजनाओं को प्रमुखता से उठा सकते हैं। उनके भाषण में ‘राजा-महाराजा’ के जिक्र की भी उम्मीद की जा रही है।15 अक्टूबर 2018 को फूलबाग मैदान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही उनके निशाने पर रहे। उन्होंने दर्जनभर से अधिक बार मोदी का नाम लेते हुए आरोप लगाए कि वे बड़े उद्योगपतियों के लिए ही काम कर रहे हैं। राफेल सौदे को लेकर राहुल ने मोदी पर कड़े प्रहार किए थे।
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वोटर मोदी को इन मुद्दों पर सुनना चाहेगा मोदी इस बार बतौर प्रधानमंत्री यहां आ रहे हैं। मौका विधानसभा चुनाव का है। ग्वालियर-चंबल अब तक अपेक्षित विकास से मोहताज है। ऐसे में मतदाता चाहते हैं कि वे इस बार यहां की बात करें। यहां के मसलों पर अपनी बात रखें। प्रधानमंत्री मोदी को इन मुद्दों पर सुनना चाहता है ग्वालियर…MP ELECTION 2018 : सीएम शिवराज ने सिंधिया-कमलनाथ को लेकर दिया बड़ा बयान,राजनीति में आया तूफान
प्रत्याशी की वरिष्ठ नेताओं से दूरी
ग्वालियर दक्षिण से प्रमुख दल के एक प्रत्याशी क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं से लगातार दूरी बनाए हुए हैं। हाल ही में उनके केन्द्रीय चुनाव कार्यालय, फिर ब्लॉक स्तर के कार्यालय का उद्घाटन हुआ, जिसमें क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं को नहीं बुलाया गया। सोमवार को छप्परवाला पुल से जनसंपर्क अभियान शुरू किया गया, लेकिन इसमें भी वरिष्ठ नेताओं से दूरी बनाकर रखी गई। उनके प्रतिद्वंद्वी की तरह उनके यहां भी समाज विशेष के लोग ही अधिक सक्रिय नजर आ रहे हैं।
यहां कर सकते हैं शिकायत |
उम्मीदवार या राजनीतिक दल आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं, तो आप आयोग को फोन, ऑनलाइन या एप पर सूचना दे सकते हैं। इन नंबरों पर सूचित करें। |
1950, 0751-2446222, 2446204 |