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छह साल बाद बड़ी राहत, दुकान-मकान तोड़ने से बेरोजगार हुए लोगों को मिलेगा FAR मुआवजा, ये है नियम

MP news: टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने शुरू की कवायद, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी सहित सभी विभागों को आवेदन मंगाने के निर्देश, मुआवजे के रूप में मिलेगा फ्लोर एरिया रेशो (FAR), जिसे बिल्डर को बेचा जा सकता है, 10 साल के लिए रहेगा वैलिड

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MP news Gwalior news hindi

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MP news: शहर में सड़क चौड़ीकरण और निर्माण कार्यों के लिए जिनकी दुकानें और मकान तोड़े गए थे, उन्हें छह साल के लंबे इंतजार के बाद अब राहत मिलने की उम्मीद जगी है। जिला प्रशासन और संबंधित विभागों ने इन प्रभावितों को मुआवजा के रूप में फ्लोर एरिया रेशो (FAR) देने की कवायद शुरू कर दी है। किला गेट, सेवा नगर, हजीरा, मुरार नदी और एलिवेटेड रोड के निर्माण में बाधा बनी संपत्तियों को तोड़ने के समय मुआवजा के रूप में टीडीआर (ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट) या एफएआर देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन यह मामला वर्षों से लंबित था।

क्या है एफएआर (FAR) का नियम

टीएंडसीपी के अफसरों के अनुसार, सरकार ने वर्ष 2018 में टीडीआर नियम बनाए थे। इसके तहत, यदि किसी सरकारी योजना के लिए लोगों की निजी जमीन, मकान या भवन लिया जाता है, तो उन्हें बढ़ा हुआ फ्लोर एरिया रेशो (FAR) दिया जाता है। भवन स्वामी इस एफएआर को किसी बिल्डर या अन्य व्यक्ति को बेच सकते हैं। एफएआर का अनुपात जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन कीमत के आधार पर तय किया जाता है।

टीएंडसीपी ने अब शुरू की प्रक्रिया

अब टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) ने इस दिशा में कदम उठाया है। टीएंडसीपी के संयुक्त संचालक केके कुशवाह ने नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, हाउसिंग बोर्ड सहित सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि यदि उन्होंने किसी की निजी जमीन या मकान को निर्माण कार्य में लिया है, तो वे संबंधित स्वामियों से आवेदन लेकर उन्हें भेजें। प्रभावित लोग टीडीआर या एफएआर के लिए टीएंडसीपी की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कुशवाह ने बताया कि एफएआर करीब 6 से 7 महीने में संबंधित को मिल जाता है और यह दस साल के लिए वैलिड रहता है।

इन क्षेत्रों के लोग होंगे लाभान्वित

इस कवायद से ग्वालियरशहर के 400 से अधिक संपत्ति स्वामी लाभान्वित होंगे, जिनमें प्रमुख रूप से किला गेट से सेवा नगर और हजीरा तक के 281 संपत्ति स्वामी, मुरार मरघट रोड के 72, और एलिवेटेड रोड फेज-1 व फेज-2 के करीब 143 संपत्ति स्वामी शामिल हैं।