
MP News: मध्यप्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) को लेकर मुश्किलें बढ़ गई है। स्मार्ट चिप तैयार करने वाली कंपनी का बढ़ा हुआ एक्सटेंशन 30 सितंबर को खत्म हो रहा है। इसी वजह से मंगलवार को कंपनी ने काम बंद कर दिया है। परिवहन विभाग के पास ड्रायविंग लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवाने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
दरअसल, परिवहन विभाग ने पिछले दिनों स्मार्ट चिप कंपनी से अधिक संख्या में स्मार्ट कार्ड मंगवा लिए थे। जिससे की कंपनी जब काम बंद कर दें तो कुछ दिना और काम चलाया जा सके। बताया जा रहा है कि पिछले 22 सालों से परिवहन विभाग के लिए स्मार्ट चिप कंपनी काम कर रही है। कंपनी को दिसंबर तक काम करने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने मना कर दिया।
परिवहन विभाग और स्मार्ट कंपनी के बीच विवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित आमलोग होंगे। नोएडा की एक कंपनी साल 2002 से स्मार्ट चिप बनाने का काम कर रही है। बताया जा रहा है पैसे को लेकर विभाग और कंपनी के बीच विवाद है।
स्मार्ट चिप बनाने वाली कंपनी का कार्यकाल 2022 में खत्म हो गया था, लेकिन कंपनी को एक्सटेंशन दिया जाने लगा। परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन कार्ड के लिए टेंडर जारी किए थे। जिसमें तीन कंपनियां आई, लेकिन कुछ तय नहीं हो पाया। जून 2024 तक कंपनी को तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया था, फिर बाद में सितंबर तक काम करने पर सहमति बन गई।
परिवहन विभाग को चीप बनाने वाली कंपनी को 88 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। विभाग द्वारा कंपनी को भरोसा दिलाया गया था कि बाकी राशि का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन इसके बाद भी कंपनी ने काम करने से मना कर दिया।
Updated on:
01 Oct 2024 08:42 pm
Published on:
01 Oct 2024 07:07 pm
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