mp news: ग्वालियर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अतिथि शिक्षकों (guest teacher) को लेकर अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि उच्च शिक्षा विभाग ने 5 अक्टूबर 2023 की पॉलिसी में जिन दो श्रेणी को हटाया है, उन्हें जोड़ा जाए। 2010 की पॉलिसी के अनुसार गेस्ट टीचर की नियुक्ति की जाए। कोर्ट के इस आदेश से एमफिल व स्नातकोत्तर वाले उम्मीदवारों (mphil-pg pass candidates) को भी अतिथि शिक्षक बनने का मौका मिल सकेगा।
दरअसल उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 17 दिसंबर 2010 को एक पॉलिसी लागू की थी। इस पॉलिसी के तहत नियुक्ति की चार श्रेणियां बनाई थी। पहली नेट सहित पीएचडी, नेट या पीएचडी, एमफिल, स्नातकोत्तर की डिग्री वालों को अतिथि शिक्षक बनाया जाता था, लेकिन सरकार ने 5 अक्टूबर 2023 को नई पॉलिसी लागू की। इस पॉलिसी में एमफिल व स्नातकोत्तर की श्रेणी को हटा दिया।
इसके चलते बड़ी संख्या में उम्मीदवार बाहर हो गए। दिनेश कुमार और अन्य उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में नई पॉलिसी के खिलाफ याचिका दायर की। उनकी ओर से तर्क दिया कि नई पॉलिसी गलत है। नई पॉलिसी से वह नियुक्ति के दायरे से बाहर हो गए हैं। राज्य शासन ने याचिका का विरोध किया। कोर्ट ने एमफिल व स्नातकोत्तर श्रेणी को भी जोड़ने का आदेश दिया है।
2010 की पॉलिसी के अनुसार सबसे पहले नेट के साथ पीएचडी करने वाले उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जा रही थी। नेट या पीएचडी वाले उम्मीदवार को नियुक्ति दी जा रही है। उसके बाद एमफिल व स्नातकोत्तर वाले उम्मीदवार को प्राथमिकता दी गई। नियुक्ति के लिए शासन को विचार करना होगा। करीब 37 याचिकाओं का निराकरण हो गया।
Published on:
05 Jul 2025 09:39 am