केन्द्र में घटा ग्वालियर चंबल अंचल का कद
केन्द्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर मोदी सरकार में ग्वालियर चंबल अंचल से मंत्री थे। लेकिन नरेन्द्र सिंह तोमर के इस्तीफे के बाद अब सिर्फ सिंधिया ही एक मात्र केन्द्रीय मंत्री रह गए हैं। विधानसभा चुनाव-2023 में नरेन्द्र सिंह तोमर दिमनी से चुनाव लड़े थे और जीते। इसके बाद केन्द्रीय मंत्री से तोमर ने इस्तीफा दे दिया था।
शिवराज सरकार में थे आठ मंत्री
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार में ग्वालियर चंबल अंचल से आठ मंत्री केबिनेट में शामिल थे। कांग्रेस सरकार को छोड़कर भाजपा में आए कई विधायकों को मंत्री मंडल में शामिल किया गया था। ग्वालियर चंबल अंचल से पहले प्रद्युम्न सिंह तोमर, भारत सिंह कुशवाह, नरोत्तम मिश्रा, यशोधरा राजे सिंधिया, महेन्द्र सिसौदिया, सुरेश राठखेड़ा, अरविंद भदौरिया, ओपीएस भदोरिया मंत्री मंडल में शामिल थे। अब देखना है कि ग्वालियर चंबल अंचल से कितने विधायक मंत्री मंडल में शामिल होंगे।
इनको मिला था निगम मंडल में स्थान
ग्वालियर चंबल अंचल में भारतीय जनता पार्टी ने कुछ उपचुनाव में हारे विधायक और कुछ नेताओं को उपक्रत करते हुए निगम मंडल में स्थान दिया था। जिसमें इमरती देवी को लघु उद्योग, मुन्नालाल गोयल को बीज निगम, धनश्याम पिरोनिया को बांस एवं बांस शिल्प विकास बोर्ड, रघुराज कंसाना को पिछड़ा वर्ग आयोग वित्त, गिर्राज दंडोतिया को ऊर्जा विकास, रणवीर जाटव को संत रविदास हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास, शैलेन्द्र बरुआ को मप्र पाठ्य पुस्तक निगम का अध्यक्ष बनाया गया था। वही एंदल सिंह कंसाना एमपी एग्रो के चेयरमैन नियुक्त किया गया था।