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एमपी में निवेश के लिए जबर्दस्त बेकरारी, ग्वालियर में मिले 3500 करोड़ के प्रस्ताव

Gwalior- एमपी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हर जतन कर रही है। इसके अंतर्गत रीवा और उज्जैन में टूरिज्म को लेकर कॉन्क्लेव आयोजित की गईं।

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Proposals worth 3500 crores received in Gwalior for investment in MP

Proposals worth 3500 crores received in Gwalior for investment in MP

Gwalior- एमपी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हर जतन कर रही है। इसके अंतर्गत रीवा और उज्जैन में टूरिज्म को लेकर कॉन्क्लेव आयोजित की गईं। अब ग्वालियर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित की गई है। इसमें निवेशकों ने खासी रुचि दिखाई है। शनिवार को कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अनेक निवेशकों ने वन टू वन चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश में चल रहे स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत अभियान में राज्य सरकार भी सहयोग कर रही है। हमारी सरकार ने पर्यटन विकास को रोजगार से जोड़ा है। पर्यटन बढ़ता है, तो लोगों को रोजगार के नए-नए अवसर मिलते हैं। बाद में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि ग्वालियर में आज 3500 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 6 निवेशकों को लैटर ऑफ अलॉटमेंट प्रदाय किए गए। इससे 60 करोड़ से अधिक का निवेश और बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि ग्वालियर की रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में उद्योगपति सचिन गुप्ता ने 1000 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा अन्य निवेशकों एवं उद्योग समूहों की ओर से कुल 3500 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव राज्य सरकार को मिले हैं। सीएम डॉ.मोहन यादव ने बताया कि देश में पर्यटन क्षेत्र बहुत तेजी से विकास कर रहा है। इसमें मध्यप्रदेश भी पीछे नहीं है। गत वर्ष धार्मिक पर्यटन के लिए देश में सर्वाधिक पर्यटकों ने मध्यप्रदेश को ही चुना।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को जारी संदेश में कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को ग्वालियर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित की गई। प्रदेश में समृद्ध वन क्षेत्र और वन्य जीव हैं जिससे पर्यटन की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं।

कूनो में देश का पहला राष्ट्रीय चीता अभ्यारण्य है। साथ ही चंबल नदी के आसपास घड़ियाल अभ्यारण्य भी है। कछुओं की लुप्त प्रजातियों का भी संरक्षण मध्यप्रदेश में किया जा रहा है। माधव नेशनल टाइगर पार्क को इसी साल लोकार्पित किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के कई स्थान हैं। देश में कुल 66 स्थान विश्व धरोहर स्थल के रूप में चिन्हित किए गए हैं, इनमें से 27 मध्यप्रदेश में स्थित हैं। यह राज्य के लिए बेहद गौरव की बात है।

विभिन्न कंपनियों के साथ MoU का आदान-प्रदान भी हुआ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाद में ट्वीट करते हुए बताया कि ग्वालियर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में आज ₹3500 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। उन्होंने आशा जताई कि इस कॉन्क्लेव के जरिए ग्वालियर एवं चंबल अंचल में पर्यटन विकास को एक नई गति मिलेगी। सीएम मोहन यादव ने बताया कि इस अवसर पर विभिन्न कंपनियों के साथ MoU का आदान-प्रदान भी हुआ।

निवेशकों को लैटर ऑफ अलॉटमेंट

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव के दौरान पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 7 भूमियों के लिए 6 निवेशकों को लैटर ऑफ अलॉटमेंट (LOA) प्रदान किए। इन भूमियों पर होटल, रिसॉर्ट और ईको टूरिज्म यूनिट आदि का निर्माण किया जाएगा। अरूण तिवारी को 40 कक्षों के साथ ईको टूरिज्म एक्टिविटी के लिए गांधी सागर मंदसौर और हेमाबर्डी धार में, यश जैन को 20 कक्षों का रिसॉर्ट बनाने रहीपुरा बुरहानपुर में, स्मृति मुकुल थोराट, मेसर्स श्री साईं वेयर हाउस एण्ड एग्रो सर्विस को 20 कक्षों का रिसॉर्ट बनाने बिजाना शाजापुर में, अमित उपाध्याय को 25 कक्षों का होटल, रिसॉर्ट बनाने के लिये कागपुर विदिशा में, संजय पाव को 22 कक्षों के साथ ईको टूरिज्म एक्टिविटीज के लिए गांधी सागर मंदसौर में और विकास नेमा,प्रवीण नायक मेसर्स एएन एसोसिएट्स को 30 कक्षों का रिसॉर्ट बनाने के लिए लैटर ऑफ अलॉटमेंट प्रदान किया गया।