
हादसे के बाद शवों को रोड पर रखा, परिजनों ने किया चक्का जाम
Gwalior Road Accident भाई के साथ बाइक पर ससुराल जा रही बहन और उसके दो मासूम बच्चों को ब्लैक स्पॉट सिकरौदा तिराहे पर ट्रक ने रौंद दिया। ट्रक इतनी तेज रफ्तार में था कि उसने बाइक के साथ उसपर सवार चारों को अपनी चपेट में ले लिया। ट्रक चालक ने ब्रेक नहीं लगाए तो बाइक उसके ट्रक के नीचे फंसकर डेढ़ सौ फीट तक घसीटती चली गई। पहियों के नीचे आने से भाई-बहन और मासूम भांजे की कुचल जाने से मौत हो गई। हादसे में उछलकर दूर जा गिरी भांजी घायल हो गई।
शुक्रवार सुबह रायरू (पुरानी छावनी) निवासी चतुर सिंह कुशवाह की बेटी मालती (28) पत्नी रवि कुशवाह, बेटे मोहित (1), बेटी एकता (3) के साथ मायके आईं थीं। शुक्रवार को उसे ससुराल बागवई (भितरवार) लौटना था। इसलिए भाई करणसिंह (25) बहन और मासूम भांजे, भांजी को बाइक से उनके घर छोड़ने जा रहा था।
चारों बाइक से सुबह 9 बजे भितरवार रवाना हुए। सिकरौदा तिराहा (झांसी हाइवे) क्राॅस करते समय ट्रक यूपी 94 टी 7038 ने उनकी बाइक में सीधी टक्कर मारी। करण सिंह बाइक चला रहा था उसके ठीक पीछे भांजी एकता और फिर बहन मालती अपने मासूम बेटे को गोद में लेकर बैठी थी। ग्वालियर में हुए हादसे से आक्रोशित लोगों ने करीब 4 घंटे हाइवे जाम कर दिया। उसे खुलवाने की कोशिश में पुलिस और मृतक के परिजन के बीच झड़प भी हो गई।
तिराहे पर दुकानदारों का कहना है टक्कर से बाइक फिसली बीच में बैठी बच्ची उचट कर दूर गिरी। चालक ने ब्रेक नहीं लगाए बाइक समेत भाई, बहन और मासूम बच्चा ट्रक के अगले हिस्से में उलझ गए। इन्हें ट्रक राॅन्ग साइड करीब 150 फीट घसीट ले गया। ट्रक के पहियों के नीचे आने से तीनों कुचल गए। ट्रक में उलझने से करण सिंह, मालती और मासूम मोहित के शरीर क्षत-विक्षत हो गए। बाइक चकनाचूर हो गई। मोहित का शव मां और मामा से करीब 40 फीट दूर पड़ा था। बहन, भाई की लाश आसपास थी। घटना के बाद चालक ट्रक को लावारिस छोडक़र भाग गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया घटना से आक्रोशित लोगों ने हाइवे जाम कर दिया। ट्रक की तोडफ़ोड़ और उसमें आग लगाने कोशिश की। पुलिस ने रोका तो भीड भड़क गई । जाम में फंसे वाहनों पर पथराव कर दिया। हावी होने का प्रयास किया। उधर मृतक के परिजन राजाराम कुशवाह निवासी चीनोर का आरोप है तीनों लाश हाइवे पर लावारिस पड़ी रही। पुलिस काफी देर से पहुंची। जख्मी बच्ची एकता को भी अनजान लोग इलाज के लिए ले गए। सिरोल टीआई आलोक भदौरिया ने मृतक के परिजन को जाम और तोड़फोड़ का दोषी मानकर धक्कामुक्की की और चांटा मार दिया। उन पर कार्रवाई होना चाहिए।
मृतकों के परिजन ने करीब 4 घंटे झांसी हाइवे जाम रखा। इससे हाइवे के दोनों तरफ और सिथौली रोड़ पर वाहनों की कतारें लग गईं। वाहनों के बीच टीकमगढ़ से मरीज को इलाज के लिए लाई एंबुलेंस भी फंसी रही। उसे भी जाम लगाने वालों ने रास्ता नहीं दिया। प्रदर्शनकारी इस दौरान प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से बात करने को भी राजी नहीं हुए।
हाइवे पर 30 घंटे में दूसरा हादसा है। इससे पहले बुधवार- गुरुवार देर रात बामौर (मुरैना) से बेटी की ससुराल में शामिल होने आए नरेश वाल्मीिक उनकी पत्नी ऊषा, बेटा
राहुल और भतीजी अंकिता को निरावली बायपास पर ट्रक ने रौंद दिया था। चारों ऑटो में सवार होकर घर लौट रहे थे। ऑटो नरेश का भतीजा अजय चला रहा था उसकी हालत गंभीर है।
सिकरौदा तिराहे पर आंखों के सामने पत्नी मालती और मासूम बेटे मोहित की लाश देखकर रवि कुशवाह बेसुध हो गया। बिलखते हुए उसने बताया शाम को मालती से फोन पर बात हुई थी। उसने शुक्रवार शाम तक घर वापस लौटना बताया था। लेकिन रास्ते में मौत ने उसकी खुशियां छीन लीं। उसका परिवार बर्बाद हो गया। अब वह किसके लिए जिंदा रहेगा।
ट्रक की टक्कर से बाइक सवार भाई, बहन और मासूम भांजे की मौत हुई है। हादसे के बाद चालक ट्रक छोड़कर भाग गया है। उसे तलाशा जा रहा है।
-हिना खान, सीएसपी, विश्वविद्यालय सर्किल
Published on:
13 Jul 2024 09:26 am
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