
शिव मंगलकारी, शिवपुराण कल्याणकारी है : संत रामप्रसाद
ग्वालियर. सबका कल्याण करें वही शिव है, शिव कल्याण स्वरूप है। शिवमंगल स्वरूप है। शिव का नाम कल्याण स्वरुप है, शिवमंगल करने वाले हैं। इसलिए उनकी कथा भी मंगलकारी है। उक्त विचार बड़ोदा गुजरात से आए अंतरष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के संत रामप्रसाद महाराज ने लक्ष्मीगंज स्थित रामद्वारा में शुक्रवार से शुरू हुए 7 दिवसीय शिव महापुराण कथा ज्ञान महायज्ञ मेंं पहले दिन व्यक्त किए।
सद्गुरु परिवार सेवा समिति ग्वालियर की ओर से आयोजित पहले दिन शिवपुराण की कथा के महात्यम पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि शिवपुराण साक्षात कल्पवृक्ष स्वरूप है जिसे प्राणी जैसी इच्छा भाव से इस पावन कथा को श्रवण करेंगे वैसा ही हमारे जीवन में फल की प्राप्ति होगी। शिव कथा हमारी मति को सुमति बनाती है और जहां सुमति है वहां अनेक प्रकार की संपक्ति है लेकिन जहां सुमति नहीं है वहां अनेक प्रकार की विपत्ति है, इसलिए हमारी मति को पवित्र करने के लिए शिव कल्याण स्वरूप की पावन कथा को हमें जीवन में अवश्य श्रवण करना चाहिए। संत रामप्रसाद महाराज ने शिव पुराण के महत्तम की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि शिव पुराण श्रवण करने से पिशाच जैसे जीव का भी कल्याण होकर शिव लोक की प्राप्ति होती है। श्रद्धा से जो श्रवण करते हैं उनके जीवन में तो चतुर्थ पदार्थ की प्राप्ति सहज हो जाती है।
शोभायात्रा में 551 महिलाओं ने सिर पर रखे कलश
शिव पुराण ज्ञान यज्ञ में कथा से पहले शोभायात्रा निकाली गई, जो छत्री बाजार स्थित रोकडिय़ा सरकार हनुमान से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों से होती हुई कथास्थल रामद्वारा लक्ष्मीगंज पहुंची। शोभायात्रा में 551 महिलायें पीले वस्त्र पहनकर सिर पर कलश धारण करके चल रही थी। वहीं फूलों से सजी विंटेज कार में संत रामप्रसाद सवार थे। शिव के भजनों पर महिला-पुरूष हर्षोल्लास से शोभायात्रा में नृत्य कर रहे थे। रामद्वारा पहुंचने पर शिवपुराण का पूजन करके कथा की शुरूआत की गई। कथा का समय दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक का रखा गया है।
Published on:
14 Feb 2020 10:44 pm
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