
शिवपुरी/पिछोर। जिले के पिछोर कस्बे से 20 किमी दूर ग्राम ढला व मुहार के बीच पहाड़ी पर स्थित है टपकेश्वर मंदिर। मंदिर के महंत दयागिरी ने बताया कि द्वापर युग में पांडव अज्ञातवास के दौरान यहां ठहरे थे। जिसके प्रमाण आज भी मौजूद हैं। इस सिद्ध गुफा में भगवान टपकेश्वर विराजमान हैं। यह बहुत ही रमणीय स्थल है। महाशिवरात्रि पर्व 14 फरवरी को देश भर में मनाया जाएगा। पंडितों के मतानुसार चतुर्दशी का उदय 13 फरवरी को होने जा रहा है। लेकिन सूर्योदय काल 14 फरवरी को होगा। इसलिए इसी दिन महाशिवरात्रि पर्व मनाते हुए भगवान शिव व पार्वती का विवाहोत्सव मनाया जाएगा। भगवान शिव का का इस दिन जलाभिषेक व व्रत का विशेष महत्व है।
क्या है खासियत
यहां श्रावण मास एव? शिवरात्रि ?? पर मेला भी भरता है।टपकेश्वर मंदिर की विशेषता यह है कि इस गुफा में गर्मियों में ठंडी हवा आती है जबकि सर्दियों में यहां गर्म हवा सुकून देती है। यदि मंदिर प्रकृति की गोद में होने के कारण बहुत ही रमणीय स्थल है। मंदिर पर पूजा करने आने वाले भक्तों को यहां मौसम इतना अच्छा लगता है कि वे यहां कुछ देर रुकते जरूर हैं।
उल्का पिंड गिरने से बनी पहाड़ी
भूगर्भ शास्त्रियों के मुताबिक इस पहाड़ी का निर्माण करीब 2500 मिलियन वर्ष पूर्व उल्का पिंड गिरने से हुए गड्ढे की वजह से हुआ था। यह गड्ढा उल्का पिंड गिरने से निर्मित भारत में दूसरा सबसे बड़ा गड्ढा है, जिसका व्यास करीब 11 किलोमीटर में है।
शिवपुरी शहर सहित आस-पास के क्षेत्र में कई प्रसिद्ध शिवमंदिर मौजूद हैं, जहां की अलग-अलग मान्यता हैं। शिवपुरी को भगवान शिव की नगरी भी कहा जाता है। यह सिंधिया राजवंश की ग्रीमकालीन राजधानी भी रही है। शिवपुरी शहर अपने झरनों के लिए काफी मशहूर भी है।
maha shivratri 2018 date in india : 1000 फीट से ऊंची पहाड़ी पर विराजमान है बाबा अलोपीशंकर
Published on:
10 Feb 2018 02:45 pm
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