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अब ट्रेन की सीट पर नहीं दिखेंगे ‘कॉकरोच’, रेलवे ने उठाया कदम

Indian Railway: इस बदलाव का सीधा असर ग्वालियर से संचालित होने वाली ट्रेनों पर भी पड़ेगा, जिनकी संख्या करीब 10 है।

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Indian Railway

Indian Railway (Photo Source - Patrika)

Indian Railway: ट्रेनों में सफर के दौरान गंदगी और कॉकरोच जैसी समस्याओं से जूझ रहे रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। रेलवे ने अब इस समस्या से निजात दिलाने के लिए अपनी सफाई व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अभी तक ट्रेनों की सफाई के लिए 'आउट-कम बेस' (सिर्फ काम होना चाहिए) की शर्त पर काम होता था, जिससे अक्सर गुणवत्ता से समझौता होता था। लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत सफाई के लिए मैनपॉवर (कर्मचारियों की संख्या) बढ़ा दी गई है, जिससे ट्रेनों की सफाई अब मनमर्जी से नहीं, बल्कि बेहतर गुणवत्ता के साथ हो सकेगी।

इस बदलाव का सीधा असर ग्वालियर से संचालित होने वाली ट्रेनों पर भी पड़ेगा, जिनकी संख्या करीब 10 है। पिट लाइन में ट्रेन में सफाई के लिए अधिक कर्मचारी तैनात किए जा रहे हैं, जिससे कोई भी ट्रेन मैकेनाइज्ड मशीनों से साफ होकर पिट लाइन से बाहर आएगी तो उसकी सफाई की क्वालिटी में भी उल्लेखनीय सुधार आएगा।

हर दिन आती है 10-15 शिकायतें

रेलवे को यात्रियों द्वारा हर दिन काफी शिकायतें मिलती हैं, लेकिन ग्वालियर और आसपास के क्षेत्रों में ट्रेन के चलते समय सबसे ज्यादा शिकायतें गंदगी को लेकर आती हैं। आंकड़ों के अनुसार, हर दिन औसतन दस से पंद्रह शिकायतें केवल गंदगी और कॉकरोच से जुड़ी होती हैं।

ये हैं मुख्य शिकायतें

कॉकरोच की समस्याः लंबी दूरी की ट्रेनों के साथ ही यहां से चलने वाली ट्रेनों में भी कॉकरोच की समस्या आम बात हो गई है, खासकर एसी कोचों में इनकी संख्या ज्यादा मिलती है।

सीटों पर गंदगी: कई बार यात्रियों द्वारा सीट पर गंदगी और अन्य प्रकार की अस्वच्छता की शिकायतें भी आती हैं, जिन्हें अक्सर स्टेशन पर तैनात डिप्टी एसएस (स्टेशन सुपरवाइजर) के माध्यम से सुधारा जाता है।

ग्वालियर से चलने वाली प्रमुख ट्रेनें

यह नई व्यवस्था ग्वालियर से संचालित होने वाली इन प्रमुख ट्रेनों की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाएगी….

चंबल एक्सप्रेस
बरौनी मेल
रतलाम इंटरसिटी
सुशासन एक्सप्रेस
बुंदेलखंड एक्सप्रेस
ग्वालियर भोपाल इंटरसिटी
ग्वालियर साबरमती एक्सप्रेस
ग्वालियर कैलारस पैसेंजर
ग्वालियर भिंड - इटावा पैसेंजर

इनका कहना है…

रेलवे की बोर्डी पॉलिसी के अनुसार कुछ बदलाव किया गया है। उसी के तहत अब कोचों की सफाई के लिए मैन पॉवर बढ़ाई जा रही है। जिससे सफाई की गुणवत्ता में सुधार आएगा। - मनोज कुमार सिंह, पीआरओ ओ झांसी झांसी मंडल