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द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर: देखने वालों में किसी ने बताया राजनीतिक प्रोपेगेंडा, किसी ने कहा विवाद जैसा कुछ भी नहीं

द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर: देखने वालों में किसी ने बताया राजनीतिक प्रोपेगेंडा, किसी ने कहा विवाद जैसा कुछ भी नहीं

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the accidental prime minister dr. manmohan singh gwalior

द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर: देखने वालों में किसी ने बताया राजनीतिक प्रोपेगेंडा, किसी ने कहा विवाद जैसा कुछ भी नहीं

ग्वालियर. पूर्व पीएम के बेहद करीबी रहे संजय बारू की किताब द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर आधारित निर्देशक विजय रत्नाकर गुट्टे की फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ का शुक्रवार को शहर में भी प्रदर्शन शुरू हुआ। विवादों से चर्चा में आई फिल्म को किसी ने राजनीतिक प्रोपेगेंडा बताया तो किसी ने कहा कि फिल्म में विवाद जैसा कुछ भी नहीं है। पूरी तरह से राजनीति से रची-बसी फिल्म को पहले दिन शहर में पुलिस के साये में प्रदर्शित किया गया।

हालांकि सिंगल स्क्रीन में फिल्म नहीं लगी, लेकिन शहर के मल्टीप्लेक्स में इसका प्रदर्शन हुआ। फिल्म देखकर निकले सुरेश घोडक़े ने बताया फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे विवादित कहा जाए। वहीं त्यागी नगर में रहने वाले देवेन्द्र गर्ग का कहना था कि मुझे तो फिल्म राजनीतिक प्रोपेगेंडा लगी है। इसमें कुछ ऐसी बातें भी हैं, जो पूर्व पीएम की इमेज को क्लीन करने के साथ-साथ धूमिल भी करती हैं। एक तरफ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को सिंह इस किंग कहा गया है, तो दूसरी तरफ कमजोर और महाभारत का भीष्म पितामह बना दिया है

बाद के शो में दर्शक कम
मल्टीप्लेक्स में प्रदर्शित हुई फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के दिन में तो अच्छे खासे दर्शक मिले, लेकिन शाम को फिल्म के शो रद्द करने पड़े।

विरोध करे चर्चित नहीं करना चाहते

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह एक्सीडेंटल नहीं ,एक्सीलेंट प्राइम मिनिस्टर थे। यह फिल्म भाजपा की ओछी मानसिकता को दर्शाती है। हम फिल्म का विरोध करके इसे बेवजह और चर्चित नहीं करना चाहते।
डॉ.देवेन्द्र शर्मा, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस