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ग्वालियर के सेंड स्टोन की मांग विदेशों तक, पर खुद के शहर में ही पूछ-परख नहीं

- स्टोन पार्क इंडस्ट्रीज ऐसोसिएशन ने उठायी थी मांग, स्मार्ट सिटी, जीडीए, नगर निगम, पर्यटन विभाग, लोक निर्माण विभाग आदि हर जगह किया जा रहा बाहर के पत्थर का उपयोग- अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कलेक्टर को पत्र लिखकर इस पर नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए कहा

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ग्वालियर के सेंड स्टोन की मांग विदेशों तक, पर खुद के शहर में ही पूछ-परख नहीं

ग्वालियर के सेंड स्टोन की मांग विदेशों तक, पर खुद के शहर में ही पूछ-परख नहीं

ग्वालियर. ग्वालियर अंचल के सेंड स्टोन (सफेद पत्थर) की मांग विदेशों तक है लेकिन हमारे शहर में ही इसकी पूछ-परख नहीं है। सेंड स्टोन को एक जिला एक उत्पाद में चुना गया है, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लोकल फॉर वोकल की बात कहते हैं। यही सेंड स्टोन शहर की ऐतिहासिक इमारतों में भी लगा हुआ है। बावजूद इसके ग्वालियर के स्मार्ट सिटी, ग्वालियर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और पर्यटन विभाग आदि में बाहर से लाए गए पत्थर का ही उपयोग किया जा रहा है। इसे लेकर स्टोन पार्क इंडस्ट्रीज ऐसोसिएशन की ओर से समय-समय पर जनप्रतिनिधियों से मांग की जाती रही है कि शहर की शासकीय संस्थाओं में भी सेंड स्टोन का उपयोग किया जाए। इससे सेंड स्टोन की ब्रांडिंग पर काफी असर पड़ेगा। अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस पर नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को पत्र लिखा है।

जिला प्रशासन भी देता है सहमति
शहर के शासकीय विभागों में सेंड स्टोन लगाए जाने को लेकर समय-समय पर जिला प्रशासन की ओर से होने वाली औद्योगिक संवर्धन की बैठकों में भी कहा जाता है और प्रशासन सहमति दर्शाता है कि ग्वालियर में ग्वालियर के ही पत्थर का प्रयोग हो यह सुनिश्चित करेंगे। फिर भी ऐसा कुछ भी नहीं हो पाता है। स्टोन पार्क इंडस्ट्रीज ऐसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यप्रकाश शुक्ला ने बताया कि इसके लिए करीब एक वर्ष पूर्व चैंबर ऑफ कॉमर्स के जरिए जिला कलेक्टर, स्मार्ट सिटी सीइओ, नगर निगम आयुक्त, स्थानीय सांसद विवेक शेजवलकर और केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को भी पत्र लिखे गए थे। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ था। अब केंद्रीय मंत्री सिंधिया के पत्र से कुछ आस बनी है।