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उपलब्धि: यूनेस्को के विश्व धरोहर शहरों में शामिल हुए MP के ये दो शहर

locationग्वालियरPublished: Dec 07, 2020 03:18:22 pm

Submitted by:

Ashtha Awasthi

– ग्वालियर व ओरछा वर्ल्ड हेरिटेज सिटी में शामिल…- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

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ग्वालियर। यूनेस्को (UNESCO) ने मध्य प्रदेश के दो शहरों को अपनी वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल किया है। बता दें कि ये दो शहर हैं ग्वालियर (Gwalior) और ओरछा (orchha) है। पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञ इसे प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। अब यूनेस्को ग्वालियर और ओरछा के ऐतिहासिक स्थलों को बेहतर बनाने के लिए पर्यटन विभाग के साथ मिलकर काम करेगा।

इस बारे में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट करके कहा है कि मप्र के ग्वालियर और ओरछा को विश्व के मानचित्र पर स्थापित करने का मप्र सरकार का सपना अब हकीकत में बदलने जा रहा है। वर्ल्ड हैरिटेज सूची में इन दोनों शहरों का सम्मिलित होना समूचे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।

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तैयार किया जाएगा मास्टर प्लान

जानकारी के अनुसार साल 2021 में यूनेस्को की टीम ग्वालियर और ओरछा का दौरा करेगी। इस दौरान यूनेस्को की टीम दोनों शहरों के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेगी और उनके विकास के लिए पर्यटन विभाग के साथ मिलकर मास्टर प्लान बनाएगी। इस परियोजना के तहत यूनेस्को ऐतिहासिक शहरों के विकास के लिए सबसे बेहतर तरीके और साधनों को खोजेगी।

मौजूद हैं कई सारी इमारतें

मध्यप्रदेश में ग्वालियर शहर प्रमुख शहरों में से एक है। 9वीं शताब्दी में स्थापित ग्वालियर गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर, बघेल कछवाहों और सिंधिया शासन की राजधानी रहा है। इन राजवंशों द्वारा बनाई गई इमारतें, किले और महल आज भी ग्वालियर में मौजूद हैं। यहीं कारण है कि यहां पर सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है।

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भारतीय परंपरानुसार होगा स्वागत

16वीं शताब्दी में स्थापित ओरछा अपने यहां स्थित महलों, मंदिरों सहित अन्य ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्ध हैं। वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में आने के बाद ग्वालियर का गुजरी महल, मानसिंह पैलेस, सहस्त्रबाहु मंदिर सहित अन्य धरोहरों का केमिकल ट्रीटमेंट किया जाएगा। यहां पर सैलानियों के पहुंचते ही उनका भारतीय परंपरानुसार स्वागत किया जाएगा। शहर में सफाई का प्रबंधन सुधारा जाएगा।

उत्कृष्ट मूल्यों को पहचानता है यूनेस्को

यूनेस्को पूरे विश्व में उव स्थलों की पहचान करता है, जिन्हें मानव द्वारा उत्कृष्ट मूल्यों का माना जाता है। इन स्थलों में मानव निर्मित और प्राकृतिक रूप से बने, दोनों तरह के स्थल या इमारतें शामिल होते हैं। यूनेस्को ऐसी सभी विश्व धरोहरों को प्रोत्साहन देने का कार्य करता है।

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