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बुआ की मौत के बाद भतीजी अलीना भी हुई अल्लाह को प्यारी, लापरवाही ने ली दो मासूमों की जान

बुआ की मौत के बाद भतीजी अलीना भी हुई अल्लाह को प्यारी, लापरवाही ने ली दो मासूमों की जान

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death in house collapes

बुआ की मौत के बाद भतीजी अलीना भी हुई अल्लाह को प्यारी, लापरवाही ने ली दो मासूमों की जान

ग्वालियर। अपने नाना के यहां आई दो वर्षीय अलीना केआरएच में वेंटीलेटर पर 16 घंटे रहकर मौत से संघर्ष करती रही। आखिर में वो शुक्रवार को सुबह नौ बजे मौत से हार गई। उसकी मौत की खबर के बाद से उसकी मां और नानी का रो-रोकर बुरा हाल था। वहां मौजूद लोगों की आंखें भी नम थीं। इससे पूर्व उसकी मौसी समरीन की भी इस घटना में मौत हो चुकी है। बीते रोज रिहाना की 14 वर्षीय बेटी समरीन अपनी बड़ी बहन की दो वर्षीय बेटी अलीना को गोद में लेकर अपने घर की देहरी पर खड़े होकर बारिश दिखा रही थी। उसी बीच पानी से कमजोर हुए छज्जा भर भराकर गिर पड़ा, जिसके मलबे के नीचे ये दोनों दब गए थे।

छुट्टा की बजरिया में समरीन की मौत के बाद अलीना के मरने की खबर से मातम छाया हुआ है। इस खबर के बाद रिहाना बस यही कह रही है किस्मत ने ऐसा दाग लगाया है जिसे वह नहीं हटा सकतीं। रिहाना बार-बार खुद को कोसती हैं कि उन्होंने अगर बच्चियों को बाहर जाने से रोक लिया होता तो शायद दोनों बच जातीं।

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छोटी थी सो सबकी लाड़ली थी अलीना

अलीना (दो साल)के पिता जावेद निवासी आपागंज कहते हैं तीन दिन पहले पत्नी अमरीन दोनों बेटियों को लेकर मायके गई थी। अलीना घर में सबसे छोटी थी इसलिए लाड़ली थी। उन्हें तो बेटी के हादसे की जानकारी भी बाद में लगी क्योंकि वह डयूटी पर थे। अलीना को ससुराल के पड़ोसी ही उठाकर इलाज के लिए ले गए थे। उन्हें तो बेटी जिदंगी और मौत से जूझती मिली।

जिदंगी भर के लिए मिला कलंक

गुरुवार को बेटी को खो चुकी रिहाना पत्नी मकसूद अब नातिन अलीना की मौत से बदहवास हैं। रिहाना कहती हैं कि उनके घर नातिन की मौत का कलंक जिदंगी भर के लिए माथे पर लग गया। बेटी अमरीन अपनी बच्चियों के साथ मायके में मेहमानी करने आई थी। उसकी नादान बेटी का शव वापस लौटा है।


छज्जा गिरने का कारण नहीं आया सामने
उधर गुरुवार को मकसूद अली के मकान का छज्जा गिरने का सटीक कारण 36 घंटे बाद भी सामने नहीं आया है। उनके पड़ोसियों का कहना है कि मकसूद ने करीब 3 साल पहले पुराने मकान में निर्माण कराया था तब छज्जे में टॉयलेट बनवाया था। आशंका है कि उसमें से ही पानी छज्जे की जड़ों में बैठता रहा। दो दिन से बरसात हो रही थी तो बारिश का पानी भी छज्जे में भर रहा था। सीलन से सरियों से सींमेंट की पकड़ ढीली होने पर हादसा हुआ है।