
कोटेश्वर तीर्थ के पुनर्वास की सहमति के साथ मुख्यमंत्री ने घाटों के निर्माण का किया वादा
निसरपुर/ धार. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री का पूरा फोकस मालवा-निमाड़ पर टिका है। इसी के चलते एक सप्ताह में दूसरी बार मुख्यमंत्री शिवराजङ्क्षसह चौहान धार जिले केे दौरे पर रविवार को पहुंचे। विकास पर्व की शुरुआत के साथ ही उन्होंने कई घोषणाएं की।
निसरपुर के समीप प्राचीन कोटेश्वर तीर्थ स्थल को डूब प्रभावित क्षेत्र से बदल कर पुनर्वास करने की सहमति दी। हालांकि लंबे समय से यह मांग मंदिर समिति सहित जनप्रतिनिधि कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने मेघनाथ घाट को सुंदर बनाने की घोषणा की। कमलनाथ सरकार में मेघनाथ घाट का निर्माण किया था। इस पर करीब तीन करोड़ रुपए खर्च हुए थे। सीएम ने यहां विशाल घाट बनाने की बात कही। उन्होंने कुक्षी तहसील की सबसे महत्वाकांक्षी माइक्रो ङ्क्षसचाई परियोजना का भूमिपूजन किया। इसके पहले मुख्यमंत्री 20 फरवरी 2017 को नर्मदा सेवा यात्रा के समय कोटेश्वर आए थे। नर्मदा पूजन कर चढ़ाई चुनरी, भजन सुनाया मुख्यमंत्री दोपहर 12.53 बजे हेलीकॉप्टर से पहुंचे। यहां सरपंच और जनपद प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री मेघनाथ घाट पर पहुंचे और मां नर्मदा का पूजन कर चुनरी चढ़ाई। उन्होंने माइक पकड$कर भजन-राम भजन सुखदायी, जपो रे मेरे भाई, यह जीवन दो दिन का...माटी का ढेरा सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में मंच पर सीएम को आदिवासी परंपरानुसार तीर कमान भेंंट कर स्वागत किया गया। 75 हजार हेक्टेयर जमीन होगी ङ्क्षसङ्क्षचत कुक्षी तहसील की महत्वाकांक्षी ङ्क्षसचाई परियोजना का सीएम ने भूमिपूजन किया। इस योजना के पूर्ण होने से कुक्षी और गंधवानी तहसील के 175 गांवों में 75 हजार हेक्टेयर जमीन ङ्क्षसचित होगी। परियोजना का पूरा करने के लिए छह साल का समय तय किया है। डूब प्रभावितों के हाथ रहे फिर खाली मुख्यमंत्री ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहीं पर भी डूब प्रभावितों या उनसे जुड़ी किसी भी पहलू पर बात नहीं की। वहीं निसरपुर डूब प्रभावित क्षेत्र की जनता मुख्यमंत्री से आस लगाए बैठी थीं कि विधानसभा चुनाव से पहले उन की समस्याओं का निराकरण होगा, लेकिन डूब प्रभावित फिर हुए निराश।
Published on:
17 Jul 2023 01:02 am
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