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खुद को आग लगाकर घर की दहलीज पर खड़ी हो गई महिला, वजह जानकर लोगों के छूट गए पसीने

woman burnt alive in gwalior struggle for life in hospital : पड़ोसी ने देखा तो आग बुझाई पुलिस का कहना है कि महिला की शादी को कई साल हो चुके हैं। लेकिन संतान ना होने से वह काफी परेशान थी।

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woman burnt alive in gwalior struggle for life in hospital

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@ ग्वालियर.

रेशम मिल इलाके में महिला ने आग लगाकर खुदखुशी का प्रयास किया। प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि लपटों में घिरी महिला चिल्लाई नहीं बल्कि दरवाजा खोलकर दहरी पर खड़ी हो गई। पड़ोसी ने देखा तो आग बुझाई पुलिस का कहना है कि महिला की शादी को कई साल हो चुके हैं। लेकिन संतान ना होने से वह काफी परेशान थी। उधर मोहल्ले वाले महिला को आधे रास्ते लेकर पहुंच गए तब एंबुलेंस पहुंची। हैरानी तो तब हुई जब इलाज के लिए पहुंची महिला के पास आयुष्मान कार्ड होने पर भी डॉक्टर ने बाजार से इंजेक्शन मंगवाए। घटना शुक्रवार सुबह 7.00 बजे की है।

पुलिस के मुताबिक भूपचंद्र की पत्नी उषा देवी ने आग लगाकर खुदकुशी का प्रयास किया । वह एलआईसी में गार्ड की नौकरी करता है। उसके ड्यूटी पर जाने के बाद यह कदम उठा लिया, रिश्तेदार सुरजीत ने बताया कि उषा को लेकर पहुंचे लेकिन अस्पताल में उनसे बाहर से इंजेक्शन लाने पर्चा थमा दिया।

संतान ना होने से महिला परेशान थी बीमार भी रहने लगी थी उसने मिट्टी का तेल डालकर खुदकुशी का प्रयास किया है ।
आलोक परिहार, हजीरा थाना

बच्ची को जन्म देने के बाद महिला की मौत
फिर सबके लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराई गई महिला की मौत हो गई।उनके परिजन ने डॉक्टर इलाज में लापरवाही बरतने का इल्जाम लगाया है। गुस्से में गुरुवार को रात को वहां हंगामा कर दिया वह कार्यवाही की मांग कर रहे थे । मौके पर पहुंची विश्वविद्यालय पुलिस ने उन्हें समझाया कि शव का पोस्टमार्टम करना पड़ेगा । रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी । विश्वविद्यालय टीआई रामनरेश यादव ने बताया अखिलेश्वर कॉलोनी में रहने वाली युवती को आलोक नर्सिंग होम महलगांव के पास भर्ती कराया गया था। ज्योति की डिलीवरी होनी थी। गुरुवार शाम तक ज्योति ठीक थी। ज्योति ने एक बच्ची को जन्म दिया उसके बाद उसकी हालत बिगड़ी । परिजन का आरोप है कि ज्योति का सही ढंग से इलाज नहीं किया गया । उसमें लापरवाही हुई है उधर चिकित्सकों ने पुलिस को बताया कि ऑपरेशन होना था इसके घरवाले इसके लिए तैयार नहीं थे। ऑपरेशन के दौरान हालत बिगड़ी। पुलिस के मुताबिक ऑपरेशन के बाद ज्योति को ब्लीडिंग होने लगी खून बंद नहीं हुआ। रात करीब 11. 30 बजे ज्योति की मौत हो गई। घटना सुनकर उनके परिजन अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे। चिकित्सक प्रभा गुप्ता और अस्पताल संचालक देवेंद्र गुप्ता ने पुलिस को बुला लिया ।