
ग्वालियर. मध्यप्रदेश के ग्वालियर में आरटीआई (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी के बाद एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक बीते 9 साल से फर्जी मार्कशीट के आधार पर सरकारी शिक्षक के पद पदस्थ है और लाखों रुपए सैलरी ले चुका है। मामला सामने आने के बाद जब पुलिस ने इसकी जांच की और शिक्षक की डीएड की मार्कशीट की जांच की तो पता चला कि वो फर्जी है। जिसके बाद शिक्षक पर मामला दर्ज किया गया है।
फर्जी मार्कशीट से हासिल की नौकरी
फर्जी मार्कशीट के जरिए सरकारी टीचर बनने वाले आरोपी युवक का नाम राधेश्याम शर्मा है। राधेश्याम संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के तहत शासकीय प्राथमिक विद्यालय राहुली डबरा में पदस्थ है। जुलाई 2013 से राधेश्याम सरकारी शिक्षक है और अब तक लाखों रुपए सैलरी ले चुका है। बताया जा रहा है कि जनपद पंचायत डबरा के सीईओ के आदेश पर राधेश्याम सहायक अध्यापक के पद पर पदस्थ है। नियुक्ति के समय राधेश्याम ने डीएड की जो मार्कशीट लगाई थी उसका रोल नंबर 9099414 है और पास करने का साल 2010 है। मार्कशीट रोशनलाल देवपुरिया कॉलेज सुरपुरा भिंड की है। जो कि पूरी तरह से फर्जी है।
RTI से खुला फर्जीवाड़ा
RTI एक्टिविस्ट संकेत साहू ने इस मामले को अपनी RTI के तहत उठाया तो इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हो पाया। आरटीआई के तहत जानकारी मांगने पर जब पुलिस ने मामले की जांच शुरु की और मार्कशीट की जांच करने के लिए कॉलेज पहुंची तो पता चला कि न तो राधेश्याम ने उस कॉलेज में कभी एडमीशन लिया था और न ही कॉलेज के द्वारा डीएड की ये अंकसूची जारी की गई है। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी राधेश्याम के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। वहीं इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू का कहना है कि इस मामले की जांच की जाए तो एक के बाद एक चैन बनेगी। करीब 200 से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति में इसी तरह की अनियमितता सामने आएगी।
Published on:
20 Mar 2022 07:02 pm
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