
(सोर्स: सोशल मीडिया)
MP News: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग (उपभोक्ता फोरम) ने ऑनलाइन ऑर्डर में गलत डिलीवरी पर अहम आदेश दिया है। जोमैटो ने उपभोक्ता को धोखे में रखा और सेवा में गंभीर लापरवाही की। आयोग ने माना कि पूरी थाली की जगह केवल रोटी और प्याज भेजना उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन है।
इससे उन्हें आर्थिक ही नहीं, मानसिक पीड़ा भी सहनी पड़ी। इसलिए मानसिक क्षतिपूर्ति के बदले में जोमैटो व रेस्टोरेंट संचालक को संयुक्त रूप से 1500 रुपए, केस लड़ने के 1000 रुपए देने होंगे। थाली के ऑर्डर पर खर्च किए 119 रुपए भी वापस करने होंगे। 45 दिन के भीतर राशि अदा करनी होगी।
दरअसल, गोविंदपुरी, ग्वालियर निवासी नितिन कुमार खरे ने 12 मार्च- 2024 को जोमैटो ऐप से शहर के एक होटल से महाराजा थाली का ऑर्डर किया था और 119 रुपए का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया। लेकिन जब घर पर खाने की डिलीवरी हुई तो थाली की जगह मात्र कुछ रोटियां और एक प्याज दिया गया।
उपभोक्ता ने तुरंत कस्टमर केयर और ईमेल के जरिए शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कंपनी ने समस्या का समाधान नहीं किया। बार- बार संपर्क करने पर भी उन्हें केवल आश्वासन मिला। उपभोक्ता को भुगतान की गई राशि भी वापस नहीं मिली। इस पर उन्होंने उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया।
-जोमैटो ने फोरम के नोटिस के जवाब में कहा कि वह बुकिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराते हैं। रेस्टोरेंट से जो पार्सल मिला, उसे पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है। इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। पार्सल में क्या पैक किया गया है, इसकी उन्हें जानकारी नहीं होती है।
-भूखा रेस्टोरेंट को नोटिस भेजा गया, लेकिन रेस्टोरेंट संचालक ने नोटिस तामील नहीं किया और उसे वापस कर दिया।
-आयोग ने तथ्यों को देखते हुए परिवादी को जो मानसिक पीड़ा हुई, उसके बदले में 1500 रुपए, केस लड़ने के 1000 रुपए देने का आदेश दिया है। राशि जोमैटो व रेस्टोरेंट संचालक को संयुक्त रूप से देनी होगी।
Published on:
21 Sept 2025 12:16 pm
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